सिवनी-शासकीय विधि महाविद्यालय के निर्माण में रोक यह विषय कुछ दिनों से ज्यादा ही सुर्खी में है ,लोग अपने अपने तर्क रख रहे है जिन्हें मामले की ए बी सी डी भी नही पता वे भी इस मामले में यहां वहां की फेंककर राजनीतिक माहौल खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं । चिंतन ग्रुप द्वारा इस विषय को चर्चा में लाया गया ,दोनों पक्षो को समझा ओर समझाया गया तब जाकर जल्द हल निकलने की उम्मीद जताई गई है ।भैरोगंज में शासकीय बहुउद्देशीय शाला के इस मैदान पर कचरा फेका जाता रहा है इतने वर्षों में वहां काफी मात्रा में अतिक्रमण भी हो गया किसी भी खेल प्रेमियों को अथवा स्कूल प्रशासन को खेल मैदान बनवाने की याद नही रही संभवतः ऐसा प्रयास किया जाता होता तो आज यह स्थिति न खड़ी होती । उस खाली पड़े मैदान का किसी भी रूप से वर्षो प्रयोग नही किया जा रहा है तब ,2015 में कलेक्टर भरत यादव द्वारा इस जमीन को विधि महाविद्यालय हेतु आवंटित किया गया एवं 6 करोड़ 50 लाख रुपये निर्माण हेतु स्वीकृत भी कर दिए गए जिस पर कमिश्नर जबलपुर द्वारा स्वीकृति भी प्रदान की थी किन्तु तब तथाकथित खेल प्रेमी जाग गए ,ओर सिवनी को बामुश्किल मिलने वाली इस सौगात को नजर लगा दी गई
अडंगे प्रारम्भ ???
सिवनी को हमेशा से ही छल मिला है कोई भी योजना आने के पूर्व या समय पर कोई न कोई विघ्न अवश्य आ जाता है और वह योजना अगल बगल के जिलों में चली जाती है इसके जिम्मेदार जो भी है जनता अच्छे से जानती है ,विधि महाविद्यालय के निर्माण में जिन लोगो ने स्टे लगाया है में उनसे मात्र यही निवेदन करना चाहूंगा कि ,यह अहम करने का समय नही धैर्य से विचार का समय है ऐसा कोई काम आपके द्वारा न हो कि आने वाली पीडियां आपको धिक्कारें की आप लोगो के कारण सिवनी से यह सौगात छिनी ,आज हर उच्च शिक्षा के लिए सिवनी के विद्यार्थियों को शहर से बाहर जाना पड़ता है इस बात की पीड़ा को समझें खेल मैदान का कोई भी विरोधी नही । वहां इतनी जमीन है कि विधि महाबिद्यालय ओर खेल मैदान दोनों बहुत अच्छे से बन सकते है , वैसे भी उस मैदान से उत्कृष्ट स्कूल की काफी दूरी है फिर भी मैदान बनने में कोई भी दिक्कत नही अगर इस स्टे को जनहित में हटाया जाता है तो भविष्य में सभी का सहयोग खेल मैदान हेतु प्राप्त हो सकता है ,अतः जो भी निर्णय ले
सोच समझकर ले जिससे सिवनी का हित हो अहित नही ,क्योंकि बहुत मुश्किल से सिवनी को कुछ मिलता है .