उत्पीड़न-रोधी स्टार्टअप एंटी टॉक्सिन के अनुसार, टेकक्रंच ने अपनी जांच में पाया कि इनमें से कई समूह मौजूदा समय में सक्रिय हैं. इनमें से कुछ समूह तो अपने काम को छुपाते भी नहीं.
बाल पोर्नोग्राफी को फैलाने वाले लोग वाट्सएप का इस्तेमाल इस संबंध में सामग्री को फैलाने के लिए धड़ल्ले से करते हैं. टेकक्रंच की रपट के अनुसार, पर्याप्त मानव मध्यस्थों(ह्यूमन मोडरेटर्स) के अभाव में, इस प्रसिद्ध त्वरित मैसेजिंग एप की स्वचालित प्रणाली पर इस तरह की सामग्रियां आगे बढ़ जा रही है, जोकि अपने प्रयोगकर्ताओं के लिए एंड-टू-एंड इंक्रीप्शन प्रदान करता है. इजरायल के दो एनजीओ स्क्रीन सेवर्स और नेटीवेई रेशे की रिपोर्ट के अनुसार, वाट्सएप ग्रुप को खोजने के लिए थर्ड पार्टी एप बाल प्रोर्नोग्राफी सामग्री को बढ़ाने वाले प्रयोगकर्ताओं के साथ जुड़ने के लिए निमंत्रण लिंक की पेशकश करते हैं.
उत्पीड़न-रोधी स्टार्टअप एंटी टॉक्सिन के अनुसार, टेकक्रंच ने अपनी जांच में पाया कि इनमें से कई समूह मौजूदा समय में सक्रिय हैं. इनमें से कुछ समूह तो अपने काम को छुपाते भी नहीं. टेकक्रंच की जांच के अनुसार, फेसबुक को वाट्सएप पर इस तरह की सामग्रियों को फैलने से बचाने की कोशिश करते हुए देखा गया.
रिपोर्ट के अनुसार, तकनीकी उपायों के बिना ही, जिसकी इनक्रिप्शन को कमजोर करने के लिए जरूरत होगी, वाट्सएप मध्यस्थों को इन समूहों को खोज निकालने और इनमें रोक लगाने के लिए सक्षम होना चाहिए. बाल पार्नोग्राफी ही एकमात्र समस्या नहीं है, जिससे यह मैसेजिंग एप जूझ रहा है. भारत जैसे देश में वाट्सएप का इस्तेमाल अफवाहों को फैलाने के लिए भी किया जाता है, जिसके फलस्वरूप कई लोगों को पीट-पीट कर मार डाला गया है.