नगर परिषद छपारा में अविश्वास प्रस्ताव: जनप्रतिनिधियों का विरोध. छपारा, जिला सिवनी: नगर परिषद छपारा के पार्षदों ने परिषद की अध्यक्षा श्रीमति निशा पटेल के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
पार्षदों का आरोप है कि नगर परिषद की अध्यक्षा भ्रष्टाचार में लिप्त हैं और नगर में मूलभूत सुविधाओं की भारी कमी है।
पार्षदों का कहना है कि उन्होंने अपने दो वर्षों के कार्यकाल के दौरान नगर परिषद की कार्यप्रणाली में अनेक खामियां देखी हैं, जिनमें भ्रष्टाचार की गंभीर समस्याएं शामिल हैं।
उनका आरोप है कि नगर परिषद की अध्यक्षा ने अपने पद का दुरुपयोग किया है और जनता की सेवा करने में विफल रही हैं।
मुख्य समस्याएं:
- भ्रष्टाचार: पार्षदों का आरोप है कि परिषद की अध्यक्षा भ्रष्टाचार में लिप्त हैं, जिससे नगर के विकास कार्यों में बाधा उत्पन्न हुई है।
- मूलभूत सुविधाओं का अभाव: शहर में पानी, सड़क, सफाई जैसी आवश्यक सुविधाओं की कमी है, जिसके कारण आम जनता को भारी परेशानी हो रही है।
- कार्यप्रणाली से असंतोष: पार्षदों ने परिषद की अध्यक्षा की कार्यप्रणाली और व्यवहार को लेकर भी असंतोष जाहिर किया है। उनके अनुसार, परिषद की अध्यक्षा का रवैया पारदर्शी नहीं है और उनके निर्णयों में पारदर्शिता की कमी है।
पार्षदों ने म०प्र० नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 43 क (2) (1) के तहत अविश्वास प्रस्ताव लाने की प्रक्रिया शुरू की है। वे चाहते हैं कि इस प्रस्ताव पर चर्चा के लिए शीघ्र बैठक आहूत की जाए।
अब देखने वाली बात यह होगी कि अविश्वास प्रस्ताव पर क्या निर्णय लिया जाता है और क्या इसके परिणामस्वरूप नगर परिषद छपारा में कोई बदलाव होता है या नहीं। नगर की जनता भी इस मामले पर बारीकी से नजर बनाए हुए है, क्योंकि यह मामला उनके दैनिक जीवन से सीधे तौर पर जुड़ा हुआ है।
पार्षदों के इस कदम से यह स्पष्ट हो गया है कि नगर परिषद छपारा में असंतोष का माहौल है, और यदि अविश्वास प्रस्ताव पास हो जाता है, तो नगर में प्रशासनिक स्तर पर महत्वपूर्ण परिवर्तन हो सकते हैं।