सूदखोरों से परेशान होकर कर्मचारी ने की खुदकुशी!
सिवनी । सिवनी के न्यायालय में पदस्थ एक कर्मचारी के द्वारा गत दिवस खुदकुशी किये जाने के मामले में नया मोड आया है। मृतक के पास एक सुसाईड नोट मिला है, जिसमें उसके द्वारा सूदखोरों के नाम का उल्लेख करते हुए उसे परेशान करने की बात कही है।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि बालाघाट के लालबर्रा क्षेत्र में सूदखोरों से परेशान कोर्ट के एक कर्मचारी ने खुदकुशी कर ली थी। इस मामले में पुलिस ने सिवनी के पाँच लोगों पर मामला दर्ज कर लिया है। इसमें से एक आरोपी सिवनी कोर्ट में बाबू है। सभी पर आत्महत्या करने के लिये उत्प्रेरित करने का मामला दर्ज किया।
सूत्रों ने बताया कि गत 11 अक्टूबर को लालबर्रा पुलिस ने सिवनी में पदस्थ न्यायिक कर्मचारी 52 वर्षीय महेंद्र पिता होलूराम गौतम के शव को पुलिया की सलाखों में फंदे पर पर लटकी हालत में बरामद किया गया था। महेंद्र गौतम ने अतरी गाँव के बड़ी नहर पुलिया के साइफन में लोहे के एंगल में फांसी लगा ली थी। इसके चलते उसकी मौत हो गयी थी। महेंद्र द्वारा फांसी लगा लिये जाने का मामला सामने आने के बाद गाँव में हड़कंप की स्थिति बन गयी थी। पुलिस को प्रथम दृष्टया यह मामला आत्महत्या के रूप में ही सामने आया था।
सुसाइड नोट से खुला राज :
सूत्रों की मानें तो पुलिस ने घटना स्थल से मृतक कर्मचारी के पास से एक सुसाइड नोट भी बरामद किया था। इसमें पाँच लोगों के नाम का उल्लेख करते हुए आत्महत्या किये जाने की बात कही गयी थी। मर्ग जाँच में यह प्रकरण ब्याज में लिये गये रूपये के उधारी के लेनदेन को लेकर सामने आया है।
सूत्रों ने बताया कि पुलिस को जानकारी में पता चला कि न्यायिक कर्मचारी मृतक महेंद्र गौतम सिवनी के कुटुंब न्यायालय में पदस्थ था। बताया जाता है कि अपनी कुछ गलत आदतों के कारण महेन्द्र के द्वारा कुछ लोगों से कर्ज लिया था। इनके द्वारा कर्ज की राशि व उसके ब्याज दिये जाने के लिये महेंद्र से माँग की जाती थी। साथ ही दबाव भी बनाया जाता था। महेंद्र गौतम ने रूपये के लेनदेन को लेकर दबाव बनाये जाने का उल्लेख अपने सुसाइड नोट में किया था।
ये हैं सूदखोर आरोपी :
सूत्रों ने बताया कि इस मामले में पुलिस ने सिवनी के चक्रेश शर्मा लूघरवाड़ा, राकेश श्रीवास्तव निवासी डूण्डा सिवनी, बब्बू सराठे काली चौक सिवनी, देवी सिंग बघेल सिवनी कोर्ट में मुंशी और शिशुपाल बघेल निवासी लूघरवाड़ा पर धारा 306, 34 ताहि का मामला दर्ज कर लिया। आरोपियों द्वारा ब्याज का पैसा नहीं देने व लेनदेन की बात पर मृतक न्यायिक कर्मचारी महेंद्र गौतम को मारने – पीटने की धमकी देकर मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे थे। इससे परेशान होकर महेंद्र गौतम ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।