सिवनी-जीवन मे हम बहुत सारी वस्तुओ की सुरक्षा करते है पर वे भौतिक वस्तुए सुरक्षित नहीं रहती पर आज का पर्व सहधर्मी की संस्कृति की रक्षा का दिवस है हम अचेतन नहीं चेतन की रक्षा करे जिससे हमारी संस्कृति समाज देश की रक्षा हो भाई बहिन की राखी के साथ सहधर्मी की रक्षा का महान दिवस है पर्व सदैव योग ध्यानात्मक होते है पर त्योहार भोग प्रधान होते है आज की तिथि में हमारे ११वे तीर्थंकर श्रेयांशनाथ भगवान जी ने मोक्ष प्राप्त किया था साथ साथ विष्णु भगवान ने अवतार लेकर कषायों से आविष्ट चारो मंत्रियों से परेशान जनता को तीन पग भूमि मांगकर प्रजाजन की रक्षा की थी आज वर्तमान में भी जब जब मूक पशुओ पर अत्याचार होते है तब तब प्रकृति भी विकृत होकर सामने आ जाती है जैन धर्मानुसार ७०० मुनिराजों पर विधमिर्यो ने घोर उपसर्ग किया था उसका निवारण विष्णु कुमार जी ने किया था जिसके उपलक्ष्य में आज का दिन धर्म रक्षा के रूप में मानते है साथ साथ जीवों की रक्षा हेतु अपने सह द्रव्य का उपयोग करके पुण्यार्जन करे ।
हम व्यक्ति के गुणों को जानने की कोशिश करके स्वयं में गुण प्रकट करने की कोशिश करे। हम सब भक्त जन अपबे कर्तव्यों का अच्छे से पालन करके संतो की सेवा करके रक्षा करे जीवत अहिंसा का पालन गौशालाओ में होता है अतः एक जीव की रक्षा करने से पुण्य भव भव तक साथ देता है जो जीवो की रक्षा करता है वह कभी अनाथ नही होता है हम राग देष को दूर करके प्राणी मात्र की रक्षा करे व्यक्तिगत कषाय से कभी किशी संस्था का असहयोग नही करना चाहिए। दया हमेशा याद दिलाती है अपने कर्तव्यों का बोध कराती है
आज राखी सजाओ प्रतियोगिता में प्रथम कु.रिचा अनिल जैन (भोमा वाले) द्वितीय प्रियंका जिनेश जैन (सिंघई बुक डिपो) तृतीय मृदु जैन को प्राप्त हुआ । सागर केंद्रीय जेल में बंदियों द्वारा सद्भाव राखी बनाई थी उसका विमोचन हुआ सद्भाव राखी प्राप्त करने का सौभाग्य नरेंद्र गोयल,सुरेंद्र गोयल नितेश गोयल नितिन गोयल एवं परिवार को प्राप्त हुआ निर्माण लाडू चढ़ाने का सौभाग्य संदीप बाझल, नितिन जैन (सोनू भोमियो) संजय जैन (भोमा वाले) को प्राप्त हुआ