सिवनी । लॉकडाउन अवधि तथा उसके पश्चात पालकों द्वारा गैर अनुदान प्राप्त अशासकीय विद्यालयों की फीस के भुगतान के संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश जारी किये गये है। उच्च न्यायालय द्वारा विभिन्न अशासकीय विद्यालयों एवं पालकों के संगठनों की फीस भुगतान से संबंधित याचिकाओं के संबंध में 4 नवंबर 2020 को भी फैसला सुनाया गया है।
मध्यप्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा प्रदेश के समस्त कलेक्टर, संभागीय संयुक्त संचालक एवं जिला शिक्षा अधिकारी को पालकों द्वारा गैर अनुदान प्राप्त अशासकीय विद्यालयों की फीस के भुगतान के संबंध में तथा पालकों से जबरन फीस वसूली संबंधी शिकायतों पर कार्यवाही के आदेश दिये गये है।
स्कूल शिक्षा विभाग के उपसचिव के.के. द्विवेदी द्वारा पत्र में कहा गया है कि 4 अपै्रल 2020, 16 मई 2020, 4 सितंबर 2020, 9 दिसंबर 2020 एवं 22 दिसंबर 2020 को विभागीय सम संख्यक परिपत्रों का अवलोकन किया जाये।
निजी विद्यालय प्रबंधन शैक्षणिक सत्र 2019-20 के लिये तथा इसके साथ शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिये निर्धारित की गई फीस ही छात्र-छात्राओं व अभिभावकों से एकत्रित कर सकेंगे, यह फीस 6 सामान किश्तों में ली जा सकेगी जो 5 मार्च 2021 से प्रारंभ होकर 5 अगस्त 2021 को समाप्त होगी।
निजी विद्यालय प्रबंधन बकाया एरियर्स व लंबित फीस की किश्त भुगतान ना किये जाने के आधार पर किसी भी विद्यार्थी को ऑनलाईन क्लास या विद्यालय में भौतिक रूप से संचालित कक्षाओं में भाग लेने से नहीं रोकेंगे, इस आधार पर विद्यार्थियों के परीक्षा परिणाम को भी नहीं रोका जा सकेगा।
आगे कहा गया कि किन्हीं अभिभावकों को फीस भुगतान में कठिनाई हो रही है, तो ऐसे अभिभावक को यह छूट होगी कि वे अपना व्यक्तिगत अभ्यावेदन स्कूल को प्रस्तुत कर सकेंगे, जिस पर विद्यालय सहानुभूति पूर्वक विचार कर समस्या का निराकरण करेगा।
यह व्यवस्था शैक्षणिक सत्र 2021-22 की फीस संग्रहण प्रक्रिया को प्रभावित नहीं करेगी। सत्र 2020-21 हेतु विद्यालय प्रबंधन नियत की गई फीस को अभिभावकों द्वारा देय समय अनुसार भुगतान किया जायेगा। शुल्क भुगतान ना करने के आधार पर या बकाया होने के आधार पर वर्ष 2021 की आगामी कक्षा नवमीं से बारहवीं तक की परीक्षा में भाग लेने हेतु किसी भी विद्यार्थी को वंचित नहीं किया जायेगा।
पत्र में स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि यह आदेश प्रदेश के समस्त सीबीएसई, आईसीएसई, माध्यमिक शिक्षा मंडल एवं अन्य बोर्ड से संबंधित गैर अनुदान प्राप्त अशासकीय विद्यालयों पर सामान रूप से लागू होगा। उक्त निर्देशों के उल्लंघन की स्थिति में या पालकों से जबरन फीस वसूली संबंधी शिकायतों पर कड़ी कार्यवाही की जायेगी।