सिवनी, मध्यप्रदेश – सिवनी जिला मुख्यालय में स्थित प्रसिद्ध मठ मंदिर में युवाओं ने एक अद्वितीय पहल की है। उन्होंने अनुपयोगी वस्तुओं का उपयोग करके देवाधिदेव महादेव की 15 फीट ऊँची प्रतिमा का निर्माण किया है। यह पहल न केवल कलात्मक उत्कृष्टता का परिचायक है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण का एक उत्कृष्ट उदाहरण भी है।
प्रेरणा और उद्देश्य
इस पहल के पीछे मुख्य उद्देश्य था पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाना और समाज को यह संदेश देना कि अनुपयोगी वस्तुओं को सही तरीके से पुनः उपयोग में लाकर कला और संस्कृति को बढ़ावा दिया जा सकता है। युवाओं की इस टीम ने विभिन्न प्रकार की अनुपयोगी वस्तुओं का संग्रह किया, जिनमें प्लास्टिक की बोतलें, लोहे के टुकड़े, पुराने टायर और अन्य बेकार सामग्री शामिल थी।
निर्माण प्रक्रिया
महादेव की इस भव्य प्रतिमा का निर्माण एक जटिल और मेहनतपूर्ण प्रक्रिया थी। सिवनी जिला मुख्यालय के ऋषभ विक्की कश्यप ने सबसे पहले एक रूपरेखा तैयार की और फिर उसे आकार देने के लिए बेकार वस्तुओं का चयन किया। हर वस्तु को ध्यानपूर्वक साफ और तैयार किया गया ताकि उसे संरचना में सही ढंग से फिट किया जा सके।
कला और तकनीक का संगम
इस प्रतिमा में न केवल कला का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया गया है, बल्कि तकनीकी दक्षता का भी उपयोग किया गया है। युवाओं ने यह सुनिश्चित किया कि प्रतिमा मजबूत और स्थायी हो, इसके लिए उन्होंने मेटल फ्रेमवर्क और कड़ी जोड़ तकनीकों का प्रयोग किया।
समाज का समर्थन
इस पहल को समाज का व्यापक समर्थन प्राप्त हुआ है। मंदिर के प्रबंधन और स्थानीय प्रशासन ने भी इस कार्य को प्रोत्साहित किया और आवश्यक सहयोग प्रदान किया। मंदिर में प्रतिमा के उद्घाटन के समय बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे, जिन्होंने इस प्रयास की सराहना की।
पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक कदम
युवाओं की इस पहल ने साबित कर दिया है कि यदि हमारे पास सकारात्मक दृष्टिकोण और रचनात्मकता हो, तो हम बेकार वस्तुओं का पुनः उपयोग करके पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। यह प्रतिमा आने वाले समय में सिवनी के लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी और अन्य स्थानों पर भी इस तरह की पहल को प्रोत्साहित करेगी।
सिवनी जिला मुख्यालय के मठ मंदिर में युवाओं द्वारा तैयार की गई महादेव की यह अनुपयोगी वस्तुओं से निर्मित 15 फीट ऊँची प्रतिमा न केवल कला और पर्यावरण संरक्षण का एक उत्कृष्ट उदाहरण है, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का भी प्रतीक है। इस पहल से प्रेरित होकर हम सभी को पर्यावरण संरक्षण के प्रति सजग और सक्रिय रहना चाहिए।