भोपाल- बीते दिवस 11 दिसम्बर को मध्यप्रदेश विधानसभा के परिणामों के बाद अब यह स्पष्ट हो गया है कि मध्य प्रदेश की कमान छिंदवाड़ा के सांसद कमलनाथ संभालेंगे। अब से थोड़ी ही देर पहले भोपाल में हुई कांग्रेस विधायक दल की बैठक में प्रदेश के नए मुख्यमंत्री के रूप में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के नाम का प्रस्ताव भोपाल उत्तर के नवनिर्वाचित विधायक आरिफ अकील के द्वारा रखा गया जिस पर डबरा की विधायक इमरती देवी तथा सज्जन सिंह वर्मा सहित समस्त नवनिर्वाचित विधायकों ने अपनी सहमति दी है। कांग्रेस विधायक दल के इस निर्णय की घोषणा दिल्ली में पार्टी हाईकमान के द्वारा की जाएगी।
यह मिली जानकारी के अनुसार आगामी 14 दिसंबर को कमलनाथ को महामहिम राज्यपाल महोदय के द्वारा मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई जाएगी। इस खबर के प्राप्त होते ही कमलनाथ के संसदीय क्षेत्र छिंदवाड़ा जिले में हर्ष की लहर दौड़ पड़ी है।
प्रदेश का एकमात्र भाजपामुक्त जिला बना छिंदवाड़ा
मध्य प्रदेश की राजनीति में कई चमत्कार कर देने वाले कमलनाथ के द्वारा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद की कमान लेने के बाद ना सिर्फ प्रदेश में कांग्रेसका 15 वर्षो का वनवास खत्म कर सत्ता की दहलीज पर पहुंचाया गया बल्कि छिंदवाड़ा जिले की सभी 7 विधानसभा क्षेत्रों में धमाकेदार जीत अर्जित कर उसे भाजपा मुक्त जिला के रूप में स्थापित भी कर दिया गया। क्षेत्रीय सांसद कमलनाथ की यह उपलब्धि इस मायने में और बढ़ जाती है कि जब इन विधानसभा चुनाव में भाजपा की ओर से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित मोदी के द्वारा खुद ही मोर्चा संभाला गया था, बावजूद इसके छिंदवाड़ा जिले की जानकारी कमलनाथ के नेतृत्व में अपनी आस्था व्यक्त करते हुए बीते दिवस भाजपा के नेतृत्व को करारा जवाब देते हुए समस्त 7 सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशियों को अपना आशीर्वाद दिया है।
अगले आम चुनाव में नकुलनाथ होंगे कांग्रेस के लोकसभा उम्मीदवार
सन 1980 में भारतीय राजनीति में छिंदवाड़ा के सांसद के रूप में कमलनाथ का उदय हुआ था। कानपुर में पैदा हुए और दून के स्कूल में शिक्षार्जन करने वाले कमलनाथ के द्वारा कोलकाता में अपनी औद्योगिक गतिविधियों को जमाया गया और राजनीति में छिंदवाड़ा को अपनी कर्मभूमि बना ली गई थी। इसी दरमियान सन 1980 के आम चुनाव में उस दौर की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के द्वारा छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र में कमलनाथ को कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में प्रस्तुत किए जाने के दौरान उन्हें अपना तीसरा बेटा के रूप मेंं निरूपित किया गया था। 1980 से लगातार अब तक व छिंदवाड़ा जिले के सांसद के रूप में कार्य करते रहे हैं। हालांकि इस दरम्यान दो महत्वपूर्ण ऐसे भी अवसर आए कि जब इस छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र की कमान उनकी पत्नी अलका नाथ तथा मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रहे सुंदरलाल पटवा के द्वारा भी संभाली गई थी।
अब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में नामांकित हो जाने के बाद राजनीतिक गलियारों में छिंदवाड़ा जिले के नए सांसद की चर्चाएं भी शुरू हो गई है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री के रूप में क्षेत्रीय सांसद कमलनाथ के द्वारा कार्यभार संभाल लिया जाने के बाद आगामी दिनों में बैठे सांसद पद से त्यागपत्र देना होगा, तब ऐसी परिस्थितियों में यह पद रिक्त हो जाएगा हालांकि कानून में निहित प्रावधानों के अनुसार किसी सांसद के इस्तीफे दिए जाने के बाद कोई भी विधानसभा या लोकसभा क्षेत्र में आगामी छह माह में निर्वाचन प्रक्रिया प्रारंभ हो जाती है लेकिन अब जबकि आम चुनाव ही आगामी अप्रैल-मई में प्रस्तावित है। तब ऐसी परिस्थितियों में छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र केलिए उपचुनाव की संभावनाएं खत्म हो गई है। तब ऐसी परिस्थितियों में आगामी आम चुनाव में ही यह संभावनाएं बलवती होती दिखाई दे रही है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री बन जाने के बाद उनकी परंपरागत सीट छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र से उनके पुत्र नकुल नाथ ही कांग्रेस दल की ओर से भावी उम्मीदवार हो सकते हैं। हालांकि यह भी गौरतलब होगा कि इसी दरम्यान नवनिर्वाचित मुख्य मंत्री कमलनाथ को भी विधानसभा का 6 माह के भीतर ही सदस्य बनने के लिए छिंदवाड़ा या चौरई से भी चुनाव लड़ने की आवश्यकता पड़ेगी।