मामला पाकिस्तान से जीतेंद्र की रिहाई का

SHUBHAM SHARMA
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सिवनी से रवाना हुआ पुलिस बल के साथ भरत

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सिवनी । वर्ष 2013 के दौरान बरघाट निवासी जितेंद्र अर्जुनवार भारत की सीमा पार कर पाकिस्तान चला गया था, जहां उसे वर्षों तक कैद में रखा गया। हालांकि इस दौरान इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रिंट मीडिया के माध्यम से आई खबरों के बाद भारतीय मजदूर मोर्चा के तत्कालीन अध्यक्ष संजू मिश्रा द्वारा जितेंद्र की रिहाई के लिये आरंभिक प्रयास किये गये, जहां कैंडल मार्च भी गांधी चौक में निकाला गया वहीं बरघाट निवासी नीरज मिश्रा द्वारा भी इस गंभीर मामले को लेकर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से पत्राचार किया गया।

मालूम हो कि तमाम कोशिशों के बाद भी जितेंद्र की रिहाई संभव नहीं हो पाई, लेकिन अंतत: विदेश मंत्रालय से मिली अधिकृत सूचना के बाद जिला पुलिस अधीक्षक तरूण नायक के मार्गदर्शन में उपपुलिस अधीक्षक गोपाल खांडेल द्वारा आज 2 मई की दोपहर 12 बजे जितेंद्र के भाई 25 वर्षीय भरत अर्जुनवार एवं बरघाट थाने में पदस्थ एएसआई राजेश सारेठा को पंजाब के अमृतसर स्थित वाघा बॉर्डर की ओर रवाना किया गया।

ख़बरसत्ता डॉट कॉम से चर्चा करते हुये उपपुलिस अधीक्षक ने बताया कि राजेश सरेठा अर्जुन के भाई के साथ नागपुर से अमृतसर के मध्य चलने वाली छत्तीसगढ़ एक्सपे्रस से रात्रि 7 बजे वाघा बॉर्डर की ओर जाने के लिये रवाना हो जायेंगे, 3 मई की शाम तक वाघा बॉर्डर पहुंचकर बीएसएफ के प्रभारी अधिकारी से मुलाकात कर उन्हें जितेंद्र के भारतीय नागरिक होने के संबंध में शासकीय दस्तावेज प्रस्तुत कर 4 मई को जितेंद्र की पाक बॉर्डर से रिहाई होते ही उसे सिवनी लाया जायेगा।

यात्रा के दौरान खर्च होने वाली राशि की व्यवस्था भी की गई है, जहां जिला रेडक्रॉस समिति द्वारा 5 हजार, टीम नेकी की दीवार द्वारा 2 हजार एवं बरघाट पुलिस द्वारा 3 हजार रूपये उपलब्ध कराये गये है जिसका जितेंद्र का भाई भरत एवं प्राधिकृत अधिकारी राजेश सरेठा आवागमन के दौरान करेंगे।

सर्वविदित है कि मध्यप्रदेश के सिवनी जिले के विकासखंड बरघाट मुख्यालय निवासी जितेंद्र अर्जुनवार वर्ष 2013 से पाकिस्तान की कराची जेल में बंद है, जिसकी रिहाई की सूचना पुलिस अधीक्षक तरूण नायक द्वारा सोशल मीडिया व्हाटसअप गु्रप के माध्यम से पत्रकारों को दी गई । इस बात की जानकारी लगते ही बरघाट के मानेगांव रोड स्थित जितेंद्र अर्जुनवार के घर पहुंचकर परिजनों को जल्द रिहाई की खबर बताई, इसके बाद जितेंद्र के भाई भरत अर्जुनवार 25 वर्ष, छोटी बहन तरुणा (20) और मां पार्वती (50) की आंखों से खुशी के आंसू छलक पड़े। परिजनों का कहना है कि उनकी आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर है। ऐसे में जितेंद्र के नियमित इलाज की व्यवस्था कराना प्रशासन की जिम्मेदारी होगी

पाकिस्तानी रेंजर्स जितेंद्र अर्जुनवार को अटारी-बाघा बार्डर पर बीएसएफ के हवाले करेंगे। यहां से उसे अमृृतसर स्थित रेडक्रॉस केंद्र लाया जाएगा, जहां प्राथमिक उपचार के बाद जितेंद्र के परिजनों के हवाले किया जाएगा। ज्ञात हो कि 12 अगस्त, 2013 को भारत-पाकिस्तान सीमा में पाकिस्तानी रेंजर्स ने जितेंद्र अर्जुनवार को पकड़ा था। एक साल की सजा पूरी होने के बाद भारत की ओर से नागरिकता की पुष्टि नहीं होने के कारण पिछले तीन वर्षों से जितेंद्र अर्जुनवार पाकिस्तान की जेल में बंद है।

अप्रैल, 2018 के पहले सप्ताह में सिवनी के पुलिस अधीक्षक तरुण नायक की ओर से जितेंद्र अर्जुनवार की नागरिकता के दस्तावेज प्रमाणित कर विदेश मंत्रालय को भेजे गए थे। नागरिकता की पुष्टि होने के बाद पाकिस्तान सरकार ने वहां की जेल में बंद जितेंद्र अर्जुनवार को रिहा करने का फैसला लिया है।पुलिस अधीक्षक तरूण नायक के अनुसार जितेंद्र की रिहाई कब की जानी है, इसकी सूचना अभी विदेश मंत्रालय से प्राप्त हो गई है, अधिकारियों ने अनौपचारिक तौर पर जितेंद्र की पाकिस्तान की जेल से जल्द रिहाई की सूचना दी है। जितेंद्र के परिजनों को इसकी जानकारी दे दी गई है।

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Khabar Satta:- Shubham Sharma is an Indian Journalist and Media personality. He is the Director of the Khabar Arena Media & Network Private Limited , an Indian media conglomerate, and founded Khabar Satta News Website in 2017.
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