सिवनी – जिले में चिकित्सकों के संघ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की जिला ईकाई का गठन गत दिवस किया गया। इसके गठन के साथ ही अब यह चर्चाएं भी चल पड़ी हैं कि चिकित्सकों पर नियंत्रण करने वाली एथॉरिटी क्या अब निष्पक्ष कार्यवाही कर पायेगी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार आईएमए की जिला ईकाई का गठन गत दिवस किया गया।
इसमें सर्वसम्मति से डॉ.सुनील अग्रवाल संचालक जिंदल अस्पताल की अध्यक्ष के अलावा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.के.सी. मेश्राम एवं डॉ.अमिता वर्मा को उपाध्यक्ष, डॉ.नरेंद्र नाथ नामदेव को सचिव एवं डॉ.मृणालिनी जठार एवं डॉ.सुशांत श्रीवास्तव को सह सचिव मनोनीत किया गया।
बताया जाता है कि इसके अलावा आईएमए की जिला ईकाई में अन्य संरक्षक सदस्यों में डॉ.विजय कुमार सरीन, डॉ.भार्गव, डॉ.जे.पी. वर्मा, डॉ.डी.एस. सेंगर, डॉ.श्रीमति सुनंदा चौधरी, डॉ.श्रीमति विद्या जठार, निर्वतमान अध्यक्ष डॉ.ए.के. तिवारी, डॉ.हर्ष वर्धन जैन, डॉ.विनोद नावकर, डॉ.पुरूषोत्तम सूर्या एवं डॉ.महेन्द्र ओगारे को बनाया गया है।
इसके गठन के साथ ही अब जिले के चिकित्सा जगत में चर्चाओं का बाजार गर्मा गया है। चिकित्सा जगत में चल रहीं चर्चाओं के अनुसार जिले में चिकित्सकों की गतिविधियों पर नियंत्रण करने का अधिकार मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के पास होता है और उन्हें ही आईएमए का उपाध्यक्ष बना दिया गया है।
चर्चाओं के अनुसार अगर किसी के द्वारा किसी चिकित्सक के खिलाफ किसी तरह की शिकायत की जाती है तो क्या प्रभारी सीएमएचओ डॉ.के.सी. मेश्राम के द्वारा आईएमए के दबाव में आये बिना ही निष्पक्ष जाँच की जा सकेगी।