आय से अधिक संपत्ति मामले में चार साल की सजा व 70 लाख रूपये का जुर्माना
सिवनी । अपने सेवाकाल में सबसे अधिक समय तक कृषि उपज मण्डी में बतौर निरीक्षक और एवं सचिव पदस्थ रहे के.के. राय को आय से अधिक मामले में चार साल की सजा एवं 70 लाख रूपये का जुर्माना ठोका गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार अपनी शासकीय नौकरी के दौरान आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की शिकायत वरिष्ठ पत्रकार ओम प्रकाश दुबे के द्वारा वर्ष 2008 में लोकायुक्त से की गयी थी। लोकायुक्त की प्रारंभिक जाँच में प्रथम दृष्टया यही पाया गया कि के.के. राय के द्वारा नौकरी के दौरान आय से अधिक संपत्ति अर्जित की गयी थी।
बताया जाता है कि लोकायुक्त पुलिस के द्वारा इस मामले में अपराध दर्ज करते हुए धारा 13(1)सी, 13(2) भ्रष्टाचार अधिनियम 1988 के अधीन प्रथम सूचना दर्ज कर मामले को जाँच में लिया गया। इसके उपरांत लोकायुक्त पुलिस के द्वारा 04 नवंबर 2009 को सर्च वारंट जारी करते हुए के.के. राय की संपत्ति की जाँच की गयी।
बताया जाता है कि इस दौरान के.के. राय के भार्गव कॉलोनी स्थित आवास एवं जबलपुर रोड स्थित दो गोदामों एवं कार्यालय में छापा मारकर तलाशी ली गयी। इस दौरान प्रथम दृष्टया यही बात सामने आयी कि आरोपी के द्वारा आय से अधिक संपत्ति अर्जित की गयी थी। उप पुलिस अधीक्षक एच.पी. चौधरी के नेत्तृत्व में यह विवेचना की गयी थी।
बताया जाता है कि इस पूरे मामले में विशेष लोक अभियोजक दीपा मर्सकोले, जिला अभियोजन अधिकारी के द्वारा गवाहों, सबूतों और महत्वपूर्ण दस्तावेजों एवं तर्कों के जरिये आय से अधिक संपत्ति प्राप्त करने का आरोप सिद्ध कराया गया। मानननीय विशेष न्यायधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) संजीव श्रीवास्तव के द्वारा आरोप सही पाये जाने पर आरोपी के.के. राय को धारा 13(1)सी, 13(2) के तहत चार साल का कारावास एवं 70 लाख रूपये का जुर्माना लगाया है। आरोपी के.के. राय को जेल भेज दिया गया है।