सिवनी। विगत दिवसों से आमजनों से प्राप्त हो रही भू- कंपन एवं आवाज आदि शिकायतों को लेकर जिला प्रशासन द्वारा विगत 22 सितम्बर 21 को जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इण्डिया भारत सरकार को प्रभावी क्षेत्रों में सर्वे का अनुरोध किया गया था। जिसके परिपालन में जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इण्डिया की टीम 24 सितम्बर 21 को जिले में पहुंची।
जियोलॉजिस्ट एम.एस.पठान के निर्देशन में टीम ने कम्पन प्रभावी क्षेत्र आमाझिरिया, राघादेही, बींझावाड़ा, डूंडासिवनी, इंदावाड़ी, गहरानाला, चूना भट्टी, बिठली, मानेगांव, कोहका, माथाटोला, रिंझाई एवं सेलुआ तथा अन्य क्षेत्र का निरीक्षण करने के साथ ही स्थानीय व्यक्तियों से चर्चा की गई।
दल द्वारा किए गए सर्वे की रिपोर्ट 1 अक्टूबर को प्राप्त हुई है। प्राप्त रिपोर्ट पर कलेक्टर डॉ राहुल हरिदास फटिंग ने जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इण्डिया भारत सरकार के एडिशनल डायरेक्टर हेमराज सूर्यवंशी से विस्तृत चर्चा की गई।
श्री सूर्यवंशी द्वारा बताया गया कि विगत दिवसों से सिवनी जिले में महसूस किया जा रहे सौम्य झटके earthquake swarms है, जो कि पानी के रिसाव के कारण होते हैं। यह सौम्य झटकों से नुकसानी की संभावना नहीं होती है।
जिला प्रशासन सतत रूप से जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इण्डिया के अधिकारियों एवं अन्य संबंधित वरिष्ठ कार्यालयों के सतत सम्पर्क में है। जिला प्रशासन द्वारा आमजनों से इन भू- घटनाओं से भयभीत न होते हुए सतर्कता बरतने की अपील की गई।
वही जिले में भूकंप के झटके महसूस होने पर सबसे ज्यादा चिंतित चिकित्सकीय क्षेत्र से जुड़े डॉक्टरों में भी देखी जा रही है।
उनका कहना है कि ऑपरेशन के दौरान इस प्रकार के झटके से मरीज के उपचार में काफी बड़ी दिक्कतें भी आ सकती हैं। छिंदवाड़ा चौक स्थित दंत चिकित्सक डॉक्टर विशाल दुबे ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से भूकंप के झटके काफी महसूस किए जा रहे हैं वही शुक्रवार को आए भूकंप का कंपन काफी ज्यादा था।