सिवनी।छात्रावास में रात के समय विद्यार्थी महज चौकीदार और रसोईये के भरोसे ही रहते हैं। इस छात्रावास के अधीक्षक शाम ढलते ही अपने सिवनी स्थित आवास की ओर कूच कर जाते हैं। छात्रावास में रह रहे छात्र को ना तो सामाजिक वातावरण मिल पाता है और ना ही शासन स्तर से निर्धारित मेनू के अनुसार भोजन और नाश्ता एवं अन्य सुविधा ही मिल पाती है। ऐसे में सवाल उठता है कि जिन छात्र छात्राओं को मानसिक एवं शारीरिक व बौद्धिक विकास के लिए शासन स्तर से इन संस्थाओं को संचालित कर भारी भरकम बजट दिया जाता है।उसका परिणाम कमीशन खोरी के चलते शून्यवत बना हुआ है । छात्रावास में रहने वाले छात्रों ने कि छात्रावास के
हालात दिनों दिन बद से बदतर होते जा रहे हैं। छात्रावास अधीक्षक श्री धुर्वे कभी भी छात्रावास में रात नहीं गुजारते
हैं।असर देखने व सुनने को मिला है कि अधीक्षक महोदय छात्रावास में उपस्थित नहीं है आसपास के लोग बताते हैं कि अधीक्षक महोदय शाम ढलते ही कभी कभी सिवनी की ओर प्रस्थान कर देते हैं। छात्रावास व आश्रम में रात नहीं गुजारते प्रभारी :– प्राय: देखा जाता है कि अधीक्षक पद की जिमेवारी मलाई खाने के नियत से ले ली जाती है लेकिन जब जिमेवारी की बात आती है तो ऐसे अधीक्षकों द्वारा पूर्ण रूप से लापरवाही बरती जाती है और रात में आश्रम व छात्रावास में रहने के
बजाय अपने निजी आवासों में चले जाते हैं। छात्रों की मानें तो कई महीनों से छात्रावास में रात भर सारे छात्र सिर्फ चौकीदार या रसोईये के भरोसे ही रहते हैं। इन परिस्थितियों में अगर रात को कोई अनहोनी घट जाये तो इसके लिये कौन जवाबदेह होगा। अगर यदा-कदा कोई वहां यह पूछने चला जाता है कि अधीक्षक महोदय कहां है तो छात्र डर के मारे बताते हैं कि अधीक्षक अभी सिवनी गए हैं सिवनी में मीटिंग है। बताया जाता है कि श्री धुर्वे जी लगभग 2011 से इसी छात्रावास मे जमे हुए हैं अब देखना यह है कि संबंधित विभाग इस ओर किस प्रकार की कार्यवाही करती है।