सिवनी । कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी को मनाये जाने वाला छठ पूजा की शुरूआत गुरुवार से हो गयी। शुक्रवार को महिलाओं ने घर पर खरना किया।
इस दिन महिलाएं बिना पानी के विधि – विधान से पूजा पाठ की वहीं शाम को स्नान करके सूर्य डूबने से पहले स्नान करेंगी, फिर गुड़ की खीर व पूरी बनायेंगी। प्रसाद चढ़ाकर सूर्य भगवान को प्रसाद अर्पित करके एक बार उक्त प्रसाद को ग्रहण करेंगी। महिलाओं ने नगर सीमा से लगे लखनवाड़ा क्षेत्र से होकर बहने वाली बैनगंगा नदी तट पर पूजन किया।
छठ की पूजा, आज रखेंगी महिलाएं उपवास : महिलाओं ने बताया कि शनिवार को महिलाएं पूरे दिन का उपवास रखेंगीं। दिन भर प्रसाद बनाकर सूप में सजाकर प्रसाद कर महिलाएं लखनवाड़ा स्थित बैनगंगा नदी पहुँचेंगीं, डूबते सूर्य को शनिवार को अर्घ्य देंगीं।
इसके बाद घर वापस लौटकर रात भर व्रत रखेंगीं। इस व्रत में वे पानी भी ग्रहण नहीं करेंगी। रविवार तीन नवंबर को प्रातःकाल चार बजे लखनवाड़ा स्थित बैनगंगा नदी तट पहुँचेंगीं जहाँ ऊगते सूर्य की पूजा कर अर्घ्य देकर व्रत का पारण करेंगी।
पं. राघवेन्द्र शास्त्री ने बताया कि छठ का मतलब छठवां या छः होता है। छठ का ये त्यौहार कार्तिक पूर्णिमा के छठवें दिन मनाया जाता है इसलिये इस त्यौहार को लोग छठ कहते हैं। शनिवार को संध्या अर्घ्य और रविवार तीन नवंबर को ऊषा अर्घ्य और पारण किया जायेगा।