भोपाल । मप्र के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार द्वारा हिजाब प्रतिबंध को लेकर दिए बयान पर सियासत तेज हो गई है। कांग्रेस के नेता लगातार बयानबाजी पर हमला बोल रहे हैं।
प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री प्रभारी मीडिया के.के. मिश्रा ने प्रदेश के स्कूलों में हिजाब को प्रतिबंधित किये जाने वाले स्कूली शिक्षा मंत्री इंदरसिंह परमार के बयान के बाद आज सरकार के प्रवक्ता और गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा द्वारा यह कहे जाने पर कि राज्य सरकार के समक्ष तत्संबंधित कोई भी प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है.
को एक गंभीर मामला बताते हुए कहा कि दोनों ही मंत्रियों की अलग-अलग अधिकृत बयानी यह स्पष्ट कर रही है कि प्रदेश में एक निर्वाचित सरकार नहीं, बल्कि सर्कस मंडली काम कर रही है।
केके मिश्रा ने स्कूली शिक्षा मंत्री पर सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने उक्त प्रायोजित बयानी किसके निर्देश पर की। क्या इसका उद्देश्य उत्तरप्रदेश में हो रहे चुनावों में भाजपा को लाभ पहुंचाना था या मप्र की शांत फिजा व गंगा-जमुनी तहजीब को चुनौती देते हुए वैमन्स्यता को राजनैतिक स्वरूप देना था।
स्पष्ट होना चाहिए? यह गंभीर मामला एक आपराधिक कृत्य होकर माननीय उच्च न्यायालय कर्नाटका की अवमानना से जुड़ा हुआ है। लिहाजा, उनके विरूद्ध आपराधिक प्रकरण भी दर्ज किया जाए।
कांग्रेस नेता मिश्रा ने मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान से भी आग्रह किया है कि सरकार के प्रवक्ता डॉ. नरोत्तम मिश्रा के कथनानुसार यह मामला राज्य सरकार के विचाराधीन नहीं है और सरकार के मुखिया के रूप में स्वयं मुख्यमंत्री काबिज हैं। लिहाजा, वे इस अगंभीर दुराचरण के दोषी स्कूली शिक्षा मंत्री को वे तत्काल प्रभाव से बर्खास्त करें।

