भोपाल । मध्य प्रदेश विधानसभा में बुधवार को प्रदेश के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने वर्ष 2022-23 का बजट पेश किया। बजट पेश होने के बाद इस पर अपनी प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई हैं।
एक और जहां सत्ता पक्ष के लोग बजट को विकासोन्मुखी और जनहितैषी बता रहे हैं तो वहीं विपक्ष इस बजट को निराशाजनक बता रहा है। मप्र के पूर्व सीएम और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने भी बजट को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
कमलनाथ ने कहा कि मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार द्वारा आज पेश बजट सिर्फ झूठ और गुमराह का पुलिंदा है। यह जनता को धोखा देने वाला बजट है, इसमें सिर्फ़ कागज़़ी प्रावधान किये गये है, आगामी चुनावों को देखते हुए एक बार फिर झूठे सपने दिखाए गये हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले बजट के प्रावधानों का कितना उपयोग व क्रियान्वयन हुआ, उस पर कोई बात नहीं। कितने लोगों को रोजग़ार दिया, उस पर कोई बात नही। आज किसान सबसे ज़्यादा परेशान, किसानों के लिए क्या किया, उस पर कोई बात नहीं। खाद-बीज के संकट को दूर करने के लिये क्या किया, उस पर कोई बात नही।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि किसान कल्याण के पिछले अधूरे आँकड़ों को एक बार शामिल कर झूठे सपने दिखाने का काम किया गया है। महंगाई से राहत देने के कोई इंतजाम नहीं। जनता पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले भारी भरकम करों में राहत की मांग कर रही थी लेकिन कोई राहत नहीं।
जहाँ प्रदेश में बेरोजगारी का आंकड़ा 30 लाख को पार कर चुका है, वही रोजगार प्रदान करने को लेकर इस बजट में कोई ठोस कार्ययोजना व प्रावधान नही। प्रदेश की 85 प्रतिशत ओबीसी – एससी-एसटी वर्ग की आबादी के युवाओं को रोजग़ार देने के लिये मात्र 150 करोड़ का प्रावधान..?
पूर्व सीएम ने कहा कि एक तरफ़ प्रदेश में गौ माताओं की भूख-प्यास व देखरेख के अभाव में प्रतिदिन मौत हो रही है, हजारों गौमाताओं की मौत की तस्वीरें सामने आ चुकी है, उसको रोकने के इंतज़ाम पर कोई बात नहीं और वही दूसरी तरफ़ झूठे सपने दिखाते हुए कहा गया हैं कि गौ संवर्धन के लिए नई योजना लायेंगे।
कर्मचारी पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग कर रहे थे, उस पर कोई निर्णय नहीं। एक तरफ प्रदेश में प्रदेश में उद्योग बंद होते जा रहे हैं, पलायन करते जा रहे हैं और दूसरी तरफ़ फिर झूठे सपने दिखाते हुए नये औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने का दावा किया गया है।
प्रदेश में हज़ारों स्कूलों में कई वर्षों से शिक्षक नही और एक बार फिर शिक्षकों की भर्ती के झूठे सपने दिखाये गये है। जबकि पिछले बजट में शिक्षकों की भर्ती के जो वादे लिये गये थे, वो आज तक अधूरे है।
कमलनाथ ने आरोप लगाते हुए कहा कि मोदी सरकार की तर्ज पर मध्य प्रदेश में भी संपत्ति बेचने व निजी क्षेत्र को देने के काम को बढ़ावा देने का काम भी इस बजट में किया गया है। पिछले बजट में सडक़ों के निर्माण के जो वादे किये गये थे, वो आज भी अधूरे है और एक बार फिर नये सपने दिखाये गये है।
प्रदेश में सिर्फ़ 4000 किमी. सडक़ों का निर्माण का वादा, ऊँट के मुँह में जीरा समान है। इस बजट में गरीब, किसान, मध्यमवर्गीय वर्ग, महिलाएं, युवाओं, छोटे व्यापारी के लिए कुछ नहीं। इंफ्रास्ट्रक्चर, ग्रामीण क्षेत्र, औद्योगिक विकास, रोजगार के लिये कुछ ठोस नही, वही शिक्षा, स्वास्थ्य के क्षेत्र की बदहाली व गरीबी दूर करने के लिए भी कुछ नही।
इस बजट में किसी भी वर्ग के लिये कुछ नही। शिवराज सरकार में दूध और खाने का तेल महंगा और शराब सस्ती, यही बजट का असली निचोड़ है। इस बजट से प्रदेश की जनता को काफी उम्मीदें थी लेकिन इस बजट से प्रदेश की जनता को निराशा हुई है और वो एक बार फिर ठगी गयी है।