इंदौर । पुलिस ने टीआई हाकमसिंह पवार की आत्महत्या की गुत्थी सुलझा ली है। इस मामले में पुलिस ने एएसआई रंजना खाण्डे, टीआई की तीसरी पत्नी रेशमा, व्यापारी दोस्त गोविंद जायसवाल और रंजना का भाई कमलेश शामिल है।
इनमें से रंजना के भाई कमलेश की मौत हो चुकी है, जबकि मंगलवार देर रात पुलिस ने उज्जैन से एएसआई रंजना को भी गिरफ्तार कर लिया है। रेशमा पहले से ही पुलिस की गिरफ्त में है। वहीं आरोपित कपड़ा व्यापारी फरार है, जिसकी तलाश की जा रही है।
पुलिस के अनुसार एएसआई रंजना खाण्डे, उसका भाई कमलेश और टीआई की तीसरी पत्नी रेशमा हाकम सिंह को ब्लैकमेल कर रहे थे। टीआई का व्यापारी दोस्त गोविंद जायसवाल उनके 25 लाख रुपए वापस नहीं कर रहा था।
गोलीकांड के दिन रंजना से मुलाकात के बाद हाकम सिंह ने रेशमा को कॉल किया। तब भी रेशमा रुपए के लिए दबाव बना रही थी, उसने टीआई से कहा कि बाप की औलाद हो तो उसे भी गोली मार दो और खुद भी मर जाओ। प्रताड़ित होकर हाकम सिंह ने पहले सर्विस रिवॉल्वर से रंजना को गोली मारी। इसके बाद खुद भी गोली मारकर सुसाइड कर लिया था।
कॉल रिकॉर्डिंग्स से सुलझी गुत्थी
टीआई की आत्महत्या की गुत्थी सुलझाने में कॉल रिकॉर्डिंग्स की महत्वपूर्ण भूमिका रही। टीआई हाकमसिंह ने भी अपने फोन में रंजना और रेशमा के फोन कॉल रिकॉर्ड किए थे, जिनसे यह पता चला कि दोनों ही टीआई को ब्लैकमेल कर रही थीं। पुलिस ने टीआई के मोबाइल को भोपाल फॉरेंसिक लैब भेजा था।
रिपोर्ट आने के बाद साइबर सेल ने बताया कि रेशमा और रंजना दोनों रेप के केस में फंसाने की धमकी देकर टीआई से रुपए की मांग कर रही थी। रेशमा मकान खरीदने के लिए 28 लाख रुपए की डिमांड कर रही थी और मकान रजिस्ट्री के लिए दबाव बना रही थी।