उज्जैन। स्कंद पुराण के अवंति खण्ड में उज्जैन नगरी के महाकाल वन में 84 महादेव मंदिरों का वर्णन है। उन्ही में से एक सौभाग्येश्वर महादेव मंदिर है। यह मंदिर पुराने शहर के ह्दय स्थल गोपाल मंदिर के समीप स्थित गली में स्थित है।
यहां वर्ष में एक बार महिलाओं की भीड़ जुटती है। यह दिन होता है हरतालिका तीज का दिन।
महिलाएं सौभाग्येश्वर मंदिर में दर्शन,पूजन करने आती है और कथा का श्रवण करके अपने अखण्ड सौभाग्य के लिए व्रत रखती है। कुंवारी कन्याएं इस दिन यहां व्रत रखकर,पूजन पश्चात अच्छे वर की कामना करती है।
इस बार हरतालिका तीज 30 अगस्त को है। मंदिर में व्रत रखनेवाली महिलाएं आज सोमवार रात्रि 12 बजे से पूजन के लिए कतारबद्ध होना शुरू कर देंगी। पूजन का सिलसिला 30 अगस्त की रात्रि तक चलेगा। स्कंद पुराण के अवंति खण्ड में वर्णित 84 महादेव में से 61 वें क्रम पर सौभाग्येश्वर मंदिर का वर्णन आता है।
पुजारी राजेश पण्ड्या के अनुसार 29 अगस्त की रात्रि 12 बजे पंचामृत पूजन पश्चात मंदिर के पट महिलाओं के लिए पूजन हेतु खोल दिए जाएंगे। 30 अगस्त की सुबह तक आधा से एक किलोमीटर लम्बी कतार महिलाओं की लग जाएगी दर्शन हेतु।
यह है हरतालिका व्रत की मान्यता
हिन्दू मान्यता के अनुसार भाद्र माह की शुक्ल पक्ष की हस्त नक्षत्र युक्त तृतीया तिथि में महिलाएं निराहार व निर्जल रहकर सौभाग्य की कामना करती हैं। युवतियां अच्छे वर की प्राप्ति के लिए व्रत एवं आराधना करती है।
कथानुसार आयुष्मती पार्वती ने शिव के वरण की कामना से अपने पिता हिमालय के यहां दीर्घ काल तक अन्न,जल त्यागकर व्रत किया था। उनकी तपस्या से महादेव प्रसन्न हुए और पार्वती ने उनका वरण कियाए तभी से महिलाएं इस परंपरा का निर्वाह कर रही हैं।