इंदौर: मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में कुछ दिनों पहले एशिया के सबसे बड़े बायो सीएनजी प्लांट का उद्घाटन किया गया था। इसका लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा किया गया ।
वहीं नगर निगम के द्वारा इस बायोप्लांट से बनने वाली गैस से 400 बसें चलाने को लेकर दावा किया था। ऐसे में अभी सिर्फ 10 बसों को ही गैस मिल पा रही है।
हालांकि अधिकारियों की मानें तो आगामी समय में इस बायो प्लांट से अधिक मात्रा में गैस मिलेगी और बसों का संचालन किया जाएगा।
एक जानकारी और सामने आ रही है कि 25 मई से इस गोवर्धन प्लांट में बनने वाले गैस से 100 बसों का संचालन शुरू हो जाएगा।
150 करोड़ रुपये में बनाया गोवर्धन प्लांट
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में बीते दिनों गोवर्धन प्लांट तैयार किया गया था। उसे बनाने में करीब इंदौर क्लीन एनर्जी एजेंसी द्वारा 150 करोड़ रुपए का खर्च किया गया था।
इस प्लांट को चलाने वाली एजेंसी की माने तो 25 मई से 100 बसों का संचालन शुरू हो रहा है। वहीं बायो प्लांट से जो गैस बनेगी उसके द्वारा इनका संचालन होगा। हालांकि अगर ऐसा हुआ तो इंदौर से शुरू होने वाली बसों में यात्रा करने वाले यात्रियों को फायदा होगा।
हर दिन 8 टन गैस हो रही उत्पन्न
अधिकारियों ने जानकारी देते हुए कहा कि अभी हर दिन 8 टन सीएनजी उत्पन्न हो रहा है। मुंबई की एक लैब में इस गैस की गुणवत्ता को जांचा गया था जिसमें 3 दिन पहले ही गैस की शुद्धता का स्तर 96 फ़ीसदी मिला है।
इस मामले में नगर निगम के अपर आयुक्त संदीप सोनी ने कहा कि शुरुआत होने के कारण प्लांट गुणवत्तापूर्ण गैस तैयार होने की प्रक्रिया में समय लग रहा है। इस प्लांट से फिलहाल 10 बसों को गैस दी जा रही है, लेकिन आगामी समय में इसी प्लांट से हर दिन बड़ी मात्रा में गैस उत्पन्न होगी।
बता दें कि इस प्लांट की रोजाना क्षमता 550 टन गीले कचरे की है, जिसमें 17500 किलो गैस तैयार करने का दावा किया जा रहा है, लेकिन अभी प्लांट में 425 टन गीले कचरे से 25000 घन मीटर बायोगैस बनाई जा रही है। वहीं रोजाना 8 टन सीएनजी गैस तैयार हो रही है।
वहीं निगम के द्वारा बायोगैस से तैयार की जाने वाली सीएनजी गैस बसों को बाजार मूल्य से 5 रुपये कम में दी जा रही है। हालांकि अभी 10 बसों को सीएनजी गैस मिल रहा है, लेकिन आगामी समय 400 बसें चलाई जाएगी।