Home » देश » पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले के बाद हिन्दुस्तान में गैर मुस्लिम बच्चियों की क्या स्थिति होगी -दिव्य अग्रवाल

पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले के बाद हिन्दुस्तान में गैर मुस्लिम बच्चियों की क्या स्थिति होगी -दिव्य अग्रवाल

By SHUBHAM SHARMA

Published on:

Follow Us
divy-agrawal

Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now

नईदिल्ली: भारत संविधान से चलने वाला देश है जहां धर्म के आधार पर कोई भेदभाव नही किया जा सकता । परन्तु अभी ताजा मामला पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में आया है जहाँ 36 वर्षीय मुस्लिम पुरुष एवम 17 वर्षीय मुस्लिम बच्ची के विवाह पर कोर्ट का फैसला आया है कि यदि कोई बेटी मुस्लिम धर्म की है एवम उसकी आयु 18 वर्ष से कम भी है तो उसके साथ मुस्लिम पुरुष शादी कर सकता है ।

तो अब यह बड़ा चिंता का विषय है जहां डब्लू एच ओ ,मेडिकल साइंस,डॉक्टर्स ये मानते हैं कि 20 वर्ष से कम आयु की बेटी को यदि प्रजनन प्रकिर्या से गुजरना पड़े तो स्वास्थ्य की दृष्टि से ये बहूत ही हानिकारक है । जहां 200 देशों में 125 देशों ने भी विवाह की एक समानांतर आयु निर्धारित कर रखी हो ,जहाँ भारतीय संविधान में आर्टिकल 14 धार्मिक भेदभाव को स्वीकृत न करता हो ,जहां आर्टिकल 21 राइट तो हेल्थ व लाइफ का जिक्र करता हो तब पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा इन सब बातों का ध्यान न रखकर केवल मुस्लिम धर्म के मोहम्मडन नियमो के आर्टिकल 195 को ध्यान में रखकर ये निर्णय किस आधार पर दिया इसको समझना अति आवश्यक होगा ।

अब यदि इस निर्णय का सामाजिक आंकलन किया जाए तो सभी जानते है कि किसी भी बच्चे की नाबालिग आयु का समय वो समय होता है जहाँ बच्चे का विकास पूर्णतः नही हो पाता इसी कारण लव जिहाद जैसे मामलों में ज्यादातर बच्चियां नाबालिग ही मिलती है अब यदि इन नाबालिग गैर मुस्लिम बच्चियों का धर्म परिवर्तन कर निकाह या विवाह कर लिया जाएगा तो फिर इस विवाह को कोर्ट में कैसे चुनोती दी जाएगी क्योंकि बच्ची के मुस्लिम बनने के बाद आयु का तो कोई प्रतिबंध रहेगा ही नही ।

ऐसे बहूत से मामले पाकिस्तान में निरन्तर देखने को मिलते है जहां गैर इस्लामिक नाबालिग बच्चियों का धर्म परिवर्तन करवाकर मुस्लिम युवकों से विवाह करवा दिया जाता है एवम कह दिया जाता है कि इस्लाम ये विवाह या निकाह वैधानिक है तो अब प्रश्न ये उठता है कि पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद कहीं भारत मे भी पाकिस्तान जैसे हालात न बन जाये ।

क्योंकि जब हिंदुस्तान में संविधान से अलग धार्मिक मान्यताओं के आधार पर कोर्ट में फैसले होंगे तो इस देश मे संविधान की क्या स्थिति होगी ये भी अपने आप बहूत बड़ा प्रश्न है एवम भारत मे नाबालिग बच्चियों की क्या स्थिति क्या होने वाली है इस पर भारत,यूनाइटेड नेशन ,डब्लू एच ओ,मानवाधिकार, महिला आयोग , व सभी बुद्धिजीवियों व सामाजिक संघटनो को विचार करना होगा।

SHUBHAM SHARMA

Khabar Satta:- Shubham Sharma is an Indian Journalist and Media personality. He is the Director of the Khabar Arena Media & Network Private Limited , an Indian media conglomerate, and founded Khabar Satta News Website in 2017.

Join WhatsApp

Join Now

Leave a Comment

HOME

WhatsApp

Google News

Shorts

Facebook