UP : 1.80 करोड़ अभिभावकों के खाते में पहुंचेगी मिड डे मील की राशि, पर ये करना होगा काम

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Shubham Sharma – Indian Journalist & Media Personality | Shubham Sharma is a renowned Indian journalist and media personality. He is the Director of Khabar Arena...
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यूपी के बेसिक शिक्षा निदेशक सर्वेंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि प्रधानाध्यापक हर बच्चे का नाम, माता-पिता का नाम, बैंक अकाउंट, आईएफएससी कोड, अभिभावक का मोबाइल नंबर की सूची तैयार करेंगे. इसके बाद मध्यान्ह भोजन निधि खाते से डीबीटी के जरिए अभिभावकों के खाते में ट्रांसफर किया जाएगा.

लखनऊ. उत्तर प्रदेश के सरकारी प्राइमरी स्कूलों (Government Primary Schools) में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों के खाते में मिड डे मील (Mid Day Meal) के तहत परिवर्तन लागत की धनराशि जून महीने में ही भेजी जाएगी. इस संबंध में बेसिक शिक्षा निदेशक ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को छात्रों का डेटा प्रधानाध्यापक को उपलब्ध कराने के आदेश दिए हैं. उन्होंने सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए जून के दूसरे और तीसरे हफ्ते में होने वाले महत्वपूर्ण कामों को करने के लिए आदेश भी दिये हैं.

प्राथमिक और उच्च प्राथमिक सकूलों के लिए ये धनराशि
जानकारी के अनुसार 24 मार्च से 30 जून तक रविवार और राजकीय अवकाश छोड़कर कुल 78 दिन होते हैं. इस तरह प्राथमिक विद्यालयों के लिए 374.29 रुपये और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के लिए 581.02 की परिवर्तन लागत देय है. इसे देखते हुए ये धनराशि आरटीजीएस के माध्यम से छात्रों के माता-पिता/अभिभावकों के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाएगी.

बेसिक शिक्षा निदेशक सर्वेंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि कोविड-19 के मद्देनजर स्कूल बंद हैं. लेकिन विभागीय काम के लिए स्कूल खोले जाने हैं. ऐसे में जरूरत के मुताबिक सुबह और दोपहर की पालियों में 5-5 अध्यापक ही ब्लॉक स्तर पर मौजूद रहेंगे. उन्होंने ब्लॉक स्तर पर किसी भी समय 2 से 3 प्रधानाध्यापकों के समूह को उपस्थित न होने की सख्त हिदायत दी है.

डीबीटी के रूप में अभिभावकों के खाते में जाएगी रकम

शिक्षा निदेशक सर्वेंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि प्रधानाध्यापक हर बच्चे का नाम, माता-पिता का नाम, बैंक अकाउंट, आईएफएससी कोड, अभिभावक के मोबाइल नंबर की सूची तैयार करेंगे. इसके बाद मध्यान्ह भोजन निधि खाते से डीबीटी के जरिए अभिभावकों के खाते में ट्रांसफर किया जाएगा. इसके लिए उन्हें ब्लॉक स्तर पर उपलब्ध होकर डेटाशीट मुहैया करानी होना होगा. पूरा काम जून में ही किया जाना है.

लॉकडाउन के चलते डेटा अपलोडिंग में हुई लेट-लतीफी
डेटा कैप्चर फॉर्मेट में ऑनलाइन यू-डायस के तहत कक्षा 1 से 12 तक के सभी प्रबंधन के विद्यालयों में एचआरडी और स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की ओर से तैयार डेटा कैप्चर फॉर्मेट में स्कूलों का नामांकन, इंफ्रास्ट्रक्चर और शिक्षकों के आंकड़े भरे जाने हैं. भारत सरकार ने इसकी अंतिम तिथि 31 मई निर्धारित की थी. लेकिन लॉकडाउन के कारण डेटा अपलोड नहीं हुआ. ऐसे में शिक्षा निदेशक ने सभी बीएसए से ब्लॉक स्तर पर डेटा उपलब्ध कराने के निर्देश जारी किए हैं. जिससे प्रधानाध्यापक डेटा फीड करा सकें.

ई-पाठशाला के लिए अभिभावकों को कराना होगा दीक्षा ऐप डाउनलोड
लॉकडाउन के दौरान शुरू हुई ई-क्लासेस के लिए शिक्षकों को दीक्षा ऐप डाउनलोड करना होगा. साथ ही कम से कम 10 अभिभावकों को भी दीक्षा ऐप डाउनलोड कराना होगा. वॉट्सऐप ग्रुप से ज्यादा से ज्यादा अभिभावकों को जोड़कर डिटेल देनी होगी. डिटेल में कितने अभिभावकों को वॉट्सऐप ग्रुप में जोड़ा गया से लेकर शिक्षण सामग्री और ऑनलाइन क्लासेस का फीड बैक देना होगा.

30 सितंबर देनी होगी कायाकल्प की जानकारी
ऑपरेशन कायाकल्प के तहत स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं की जानकारी साझा करनी होगी. स्कूलों में 14 मूलभूत आवश्यकताओं साफ पीने का पानी, शौचालय, शौचालय में जल आपूर्ति, दिव्यांग सुलभ शौचालय, हैंडवॉश यूनिट, फर्श, दिव्यांक सुलभ रैम्प व रेलिंग समेत अन्य जरूरत पूरे होने की जानकारी 30 सितंबर तक देनी होगी. इसके अलावा मानव संपदा पोर्टल पर शिक्षकों की सेवा पुस्तिका का सत्यापन, दीक्षा ऐप पर मौजूद ई कंटेंट और तीनों मॉड्यूल पर आधारित शिक्षक, शिक्षामित्र और अनुदेशकों का ऑनलाइन असेसमेंट टेस्ट, शारदा कार्यक्रम के तहत ड्रॉप आउट बच्चों का दाखिला, नि:शुल्क यूनिफॉर्म वितरण और शिक्षकों का ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम भी करना होगा.

दरअसल मार्च में योगी सरकार ने लॉकडाउन (Lockdown) के बीच बड़ा फैसला लिया था. योगी सरकार ने प्रदेश के सरकारी स्कूलों के करीब 1.80 करोड़ बच्चों को उनके घर तक मिड डे मील का राशन पहुंचाने का फरमान जारी किया. सरकार की तरफ से कन्वर्जन कास्ट के ज़रिए बच्चों को ये राशन उपलब्ध कराया जाएगा.

अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार की तरफ से जारी निर्देश
अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार की तरफ से प्रदेश के सभी जिलों के डीएम को निर्देश दिए गए हैं. इसमें कहा गया है कि कोविड-19 महामारी की स्थिति में मध्यान्ह भोजन योजना से आच्छादित विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को लॉकडाउन अवधि और ग्रीष्म अवकाश के दौरान (30 जून तक) तक खाद्य सुरक्षा भत्ता उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है

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Shubham Sharma – Indian Journalist & Media Personality | Shubham Sharma is a renowned Indian journalist and media personality. He is the Director of Khabar Arena Media & Network Pvt. Ltd. and the Founder of Khabar Satta, a leading news website established in 2017. With extensive experience in digital journalism, he has made a significant impact in the Indian media industry.
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