QS World University की टॉप 200 रैंकिंग में भारत के तीन शिक्षण संस्थानों ने बनाई जगह

Ranjana Pandey
4 Min Read

डेस्क।लंदन स्थित क्वाक्वेरेली साइमंड्स (क्यूएस) ने बुधवार को 2021 के लिए क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग जारी की, जिसमें विश्व सूची के शीर्ष 200 विश्वविद्यालयों में तीन भारतीय संस्थान भी शामिल हैं।

भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc), बेंगलुरु को साइटेशन पर फैकल्टी (CPF) मीट्रिक यानी शोध पेपर प्रति संकाय सदस्य के लिए 100 में से 100 अंकों के स्कोर के साथ दुनिया के शीर्ष अनुसंधान विश्वविद्यालय अर्थात टॉप रिसर्च यूनिवर्सिटी इन द वर्ल्ड के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।

यह भारत के लिए अच्छी खबर है। इसके साथ, भारतीय विज्ञान संस्थान यानी इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एक संपूर्ण 100 स्कोर करने वाला पहला भारतीय विश्वविद्यालय बन गया है।


आईआईटी में गुवाहाटी सबसे आगे
क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग के अनुसार, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, गुवाहाटी को श्रेणी में 41वां स्थान दिया गया है। इस बीच, लगातार चौथे वर्ष, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) बॉम्बे को भारत में शीर्ष क्रम के संस्थान के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। हालांकि, इस साल क्यूएस रैंकिंग में यह पांच पायदान नीचे गिरकर 172 से 177 पर आ गया है।

आईआईटी दिल्ली, 193वीं रैंक से 185 पर पहुंचने के बाद, भारत का दूसरा सबसे अच्छा विश्वविद्यालय बन गया है। जबकि, आईआईएससी 185 से 186वीं रैंक पर पहुंच गया है। आईआईटी दिल्ली के बाद आईआईटी मद्रास है जो 20 स्थान ऊपर आया है और अब संयुक्त तौर पर 255वें स्थान पर है।

यह 2017 के बाद से इसका सर्वोच्च रैंक स्थान है। वहीं, आईआईटी खड़गपुर को 280वां स्थान मिला है, जबकि आईआईटी गुवाहाटी ने संयुक्त 395वीं रैंक में पहली बार वैश्विक स्तर पर शीर्ष-400 संस्थानों में प्रवेश किया है। उधर, आईआईटी हैदराबाद 591 से 600 वीं रैंक बैंड में बना हुआ है।


जेएनयू ने बनाई खास जगह
हालांकि, इस बार एक भारतीय विश्वविद्यालय ने भी क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में पदार्पण किया है, वह है जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU), जिसने 561-570 रैंक बैंड में जगह बनाई है।

रैंकिंग के अनुसार, भारत के 35 विश्वविद्यालयों में से 17 ने अपने सीपीएफ स्कोर में वृद्धि की है, जबकि 12 विश्वविद्यालयों की सीपीएफ में गिरावट देखी गई है। वहीं, जब फैकल्टी/छात्र अनुपात श्रेणी की बात आती है, तो कोई भी भारतीय विश्वविद्यालय शीर्ष 250 में शामिल नहीं है।

कोविड-19 महामारी के बीच, भारत के 35 विश्वविद्यालयों में से 23 विश्वविद्यालयों को क्यूएस रैंकिंग के संकाय/छात्र अनुपात संकेतक में गिरावट का सामना करना पड़ा है।


एमआईटी नंबर-1, ऑक्सफर्ड दूसरे स्थान
जब विश्व रैंकिंग की बात आती है, तो मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी को लगातार 10वें वर्ष को दुनिया के नंबर एक विश्वविद्यालय के रूप में चिह्नित किया। ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय ने 2006 के बाद पहली बार दूसरा स्थान हासिल किया है, जबकि स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय तीसरे स्थान पर हैं।

ऐसे तैयार होती है क्यूएस रैंकिंग
क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग छह संकेतकों के आधार पर तैयार की जाती है। इनमें शैक्षणिक प्रतिष्ठा, नियोक्ता प्रतिष्ठा, प्रति संकाय उद्धरण, संकाय / छात्र अनुपात, अंतरराष्ट्रीय संकाय अनुपात और अंतरराष्ट्रीय छात्र अनुपात आदि शामिल हैं।

Also read- https://khabarsatta.com/bollywood/big-breaking-veteran-actor-boman-iranis-mother-passes-away/

Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *