Friday, April 19, 2024
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शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का निधन: अंतिम दर्शन आज शाम से कल 2 बजे तक, परमहंसी गंगा आश्रम में दी जाएगी समाधि

Shankaracharya Swami Swaroopanand Saraswati passed away: Last darshan from today evening till 2 pm, then Samadhi will be given at Paramhansi Ganga Ashram

जगतगुरु शंकराचार्य जी की अंतिम छड़ों की तस्वीर आई सामने, 99 वर्ष की उम्र में हुआ निधन: जगतगुरु शंकराचार्य जी का 99 वर्ष की उम्र में निधन, झोतेश्वर मंदिर में उन्होंने अंतिम सांस ली, शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती (Shankracharya Swami Swaroopanand Saraswati) का निधन हो गया है।

शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर के झोतेश्वर मंदिर में उन्होंने अंतिम सांस ली, शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती 99 साल के थे और लंबे समय से बीमार चल रहे थे।

हाल ही में 3 सितंबर को उन्होंने अपना 99 वां जन्मदिन मनाया था। वह द्वारका की शारदा पीठ और ज्योर्तिमठ बद्रीनाथ के शंकराचार्य थे। शंकराचार्य ने राम मंदिर निर्माण के लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी। आजादी के आंदोलन में भी भाग लिया।

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शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती को शाम 5 बजे परमहंसी गंगा आश्रम में समाधि दी जाएगी

उन्होंने मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले के झोतेश्वर स्थित परमहंसी गंगा आश्रम में दोपहर साढ़े 3 बजे अंतिम सांस ली। स्वामी शंकराचार्य लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनका बेंगलुरु में इलाज चल रहा था। कुछ ही दिन पहले वह आश्रम लौटे थे। स्वामी शंकराचार्य आजादी की लड़ाई में जेल भी गए थे। वहीं उन्होंने राम मंदिर निर्माण के लिए लंबी कानूनी लड़ाई भी लड़ी थी।

शंकराचार्य के शिष्य ब्रह्म विद्यानंद ने बताया- स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती को सोमवार को शाम 5 बजे परमहंसी गंगा आश्रम में समाधि दी जाएगी।

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तीज पर मनाया था जन्मदिन

जगद्गुरु शंकराचार्य श्री स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती (Shankracharya Swami Swaroopanand Saraswati) जन्म सिवनी (Seoni) जिले में दिघोरी (Dighori) गांव में ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनके माता-पिता ने इनका नाम पोथीराम उपाध्याय रखा था।

महज 9 साल की उम्र में उन्होंने घर छोड़ धर्म की यात्रा शुरू कर दी थी, इस दौरान वो उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के काशी (Kashi) भी पहुंचे और यहां उन्होंने ब्रह्मलीन श्री स्वामी करपात्री महाराज वेद-वेदांग, शास्त्रों की शिक्षा ली।

साल 1942 के इस दौर में वो महज 19 साल की उम्र में क्रांतिकारी साधु के रूप में प्रसिद्ध हुए थे, क्योंकि उस समय देश में अंग्रेजों से आजादी की लड़ाई चल रही थी। जगतगुरु शंकराचार्य का 99वां जन्मदिन हरियाली तीज के दिन मनाया था।

1950 में ली थी दंड दीक्षा

9 साल की उम्र में स्वामी स्वरूपानंद ने अपना घर छोड़ दिया था। जिसके बाद उन्होंने भारत के प्रत्येक प्रसिद्ध तीर्थों, स्थानों और संतों के दर्शन करते हुए वे काशी पहुंचे। स्वामी स्वरूपानंद 1950 में दंडी संन्यासी बनाए गए थे।

ज्योर्तिमठ पीठ के ब्रह्मलीन शंकराचार्य स्वामी ब्रह्मानन्द सरस्वती से दण्ड सन्यास की दीक्षा ली और स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती नाम से जाने जाने लगे। उन्हें 1981 में शंकराचार्य की उपाधि मिली।

19 साल की उम्र में बने थे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी

जब 1942 में अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन का ऐलान हुआ तो स्वामी स्वरूपानंद भी आंदोलन में कूद पड़े। 19 साल की आयु में वह क्रांतिकारी साधु के रूप में प्रसिद्ध हुए। उन्हें वाराणसी में 9 महीने और मध्यप्रदेश की जेलों में 6 महीने कैद रखा गया।

SHUBHAM SHARMA
SHUBHAM SHARMAhttps://shubham.khabarsatta.com
Shubham Sharma is an Indian Journalist and Media personality. He is the Director of the Khabar Arena Media & Network Private Limited , an Indian media conglomerate, and founded Khabar Satta News Website in 2017.
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