देश के पूर्व अटॉर्नी जनरल व सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने चाइनीज ऐप टिकटॉक का भारत सरकार के खिलाफ केस लड़ने से मना कर दिया है. टिकटॉक पर लगे केन्द्र सरकार के बैन के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर करने के लिए टिकटॉक ने एडवोकेट मुकल रोहतगी से संपर्क किया है.
नई दिल्ली: देश के पूर्व अटॉर्नी जनरल व सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने चाइनीज ऐप टिकटॉक का भारत सरकार के खिलाफ केस लड़ने से मना कर दिया है. टिकटॉक पर लगे केन्द्र सरकार के बैन के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर करने के लिए टिकटॉक ने एडवोकेट मुकल रोहतगी से संपर्क किया है. सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने स्वयं इस बारे में जानकारी दी. भारत चीन सीमा पर भारतीय सैनिकों की शहादत के मद्देनज़र देश में चीन की चीजों व बिज़नेस डील के बहिष्कार की भारतीय जनता की मांग को देखते हुए एडवोकेट रोहतगी ने यह कदम उठाया है
बता दें कि चीन के खिलाफ भारत सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए 59 चीनी ऐप्स पर बैन लगा दिया. इसमें ऐप्स TikTok और हेलो भी शामिल हैं. सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (Ministry of Information Technology) ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69ए (Section 69A of the Information Technology Act) के तहत इन 59 चीनी मोबाइल ऐप्स पर पाबंदी लगाई है. मंत्रालय ने एक नोटिस जारी कर बताया है कि ये 59 चीनी ऐप्स उन गतिविधियों में लगे हुए थे जो भारत की संप्रभुता और अखंडता, भारत की रक्षा, राज्य की सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था के लिए खतरा हैं. ऐसे में इन ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया.
चीनी ऐप्स पर भारतीयों के डेटा चुराने और इसे चीनी सर्वर पर भेजने के आरोप पहले भी लगते रहे हैं. मंत्रालय का कहना है कि बीते कुछ दिनों में सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को विभिन्न स्रोतों से कई शिकायतें मिली हैं, जिनमें कहा गया है कि एंड्रॉइड और iOS पर उपलब्ध ये चीनी ऐप्स बिना यूजर्स की जानकारी के उनका डेटा चुराते और मिसयूज करते हैं. साथ ही यूजर्स के डेटा को अनधिकृत तरीके से उन सर्वरों पर भेज रहे हैं जो भारत के बाहर स्थित हैं.
मंत्रालय का कहना है कि 130 करोड़ भारतीयों के डेटा पर खतरा मंडरा रहा था, जो कि गंभीर चिंता का विषय है. नोटिस में बताया गया है कि भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र और गृह मंत्रालय ने भी इन ऐप्स को बैन करने की सिफारिश भेजी है. इसके अलावा देश के नागरिकों और जन प्रतिनिधियों से भी इन ऐप्स के खिलाफ शिकायत मिली है.