Rahul Dubey Washington: अमेरिका में George Floyd की मौत के बाद हो रहे प्रदर्शनों के बीच भारतीय मूल के राहुल दुबे हीरो बनकर उभरे हैं। वॉशिंगटन में उन्होंने रात के वक्त अपने घर में कम से कम 70 लोगों को पनाह दी।
अमेरिका में अश्वेत अमेरिकन George Floyd की मौत के बाद सड़कों पर उतरे प्रदर्शनकारियों के लिए भारतीय मूल का एक शख्स किसी मसीहा की तरह सामने आया है। वॉशिंगटन में सोमवार की रात कर्फ्यू के बाद प्रदर्शन कर रहे कम से कम 60 ‘Black Lives Matter’ प्रदर्शनकारियों को राहुल दुबे ने अपने घर में ठहराया। इन लोगों को गिरफ्तारी से बचाने के लिए राहुल ने अपने घर के दरवाजे खोल दिए।
‘अपनी चिंता नहीं, दूसरों का रखा ध्यान’
राहुल ने बताया कि जब प्रदर्शनकारी उनके घर में आगे के दरवाजे से दाखिल हो रहे थे, पुलिस सिर्फ दो घर दूर थी। 22 साल के एक प्रदर्शनकारी ने बताया कि दुबे ने अपनी चिंता नहीं कि और बाकी लोगों को सुरक्षित रखा। वह इन लोगों को अधिकारों के बारे में बताते रहे और रातभर उनका मनोबल बढ़ाते रहे। दुबे से जब हिंसा के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारी सम्मान के साथ ही विरोध कर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘वह अपने हाथ खोलकर ‘हमें जाने दीजिए’ ही दोहरा रहे थे।’
‘सिर्फ प्यार था’
इन प्रदर्शनकारियों पर पेपर स्प्रे किया गया था और राहुल के घर के अंदर जाने के करीब 10 मिनट तक वे खांसते रहे और अपनी आंखें मलते रहे। बचने के लिए भाग रहे कई लोग सीढ़ियों पर गिर भी गए लेकिन सबने एक-दूसरे को सहारा दिया। NBC वॉशिंगटन से बातचीत में दुबे ने हा कि पुलिस ने कई बार उनके घर में आने की कोशिश की। हर बार दुबे ने पुलिस से कहा कि उनके घर में प्रदर्शनकारियों का स्वागत है। उन्होंने कहा, ‘वहां काफी प्रेम था। अंधेरे की भगदड़ में, रात के 3 बजे जब लोगों को सोमा चाहिए था लेकिन वे सोए नहीं, सिर्फ प्यार था। और यह बहुत खूबसूरत था।’