Friday, April 19, 2024
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यूपी में निजीकरण के विरोध में अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार पर गए बिजली कर्मी, कई जिलों में बत्ती गुल

लखनऊ। पूर्वांचल विद्युत विरतण निगम लिमिटेड (पीवीवीएनएल) के निजीकरण को लेकर उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन प्रबंधन और बिजली कर्मियों के बीच पाला खिंच गया है। निजीकरण के विरोध में आंदोलनरत कर्मियों की चेतावनी के बावजूद समझौते का कोई रास्ता नहीं निकला और सोमवार को कर्मचारी अनिश्चितकालीन पूर्ण कार्य बहिष्कार पर चले गए। इस प्रदेशव्यापी आंदोलन से पूर्वी उत्तर प्रदेश के वाराणसी, देवरिया, चंदौली, आजमगढ़, मऊ, मीरजापुर समेत कई जिलों की बिजली आपूर्ति भी प्रभावित हुई है। इस कारण उपभोक्ताओं की शिकायतें नहीं सुनी गई और अन्य काम भी प्रभावित रहे।

निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मचारियों ने सोमवार पूरे दिन कार्य बहिष्कार किया। कार्य बहिष्कार के पहले दिन सोमवार को ही सरकार की तैयारियां धरी रह गईं। कंट्रोल रूम फेल तो विद्युत आपूर्ति सुचारु बनाए रखने के लिए लगाई गई भारी भरकम टीम फाल्ट दुरुस्त करना तो दूर बहुतायत क्षेत्रों में इसे ढूंढ़ पाने में ही असफल रही। इसका फायदा बिजली कर्मियों ने उठाया और प्रशासनिक व्यवस्था को खूब छकाया। फॉल्ट की मरम्मत सहित उपभोक्ता सेवाओं से जुड़े कामकाज प्रभावित रहे। इस बीच ऊर्जा प्रबंधन और जिला प्रशासन ने बिजली सप्लाई बहाल रखने के लिए पुलिस के पहरे के साथ कई वैकल्पिक इंतजाम किए, लेकिन फॉल्ट के आगे सभी फेल हो गए। राज्य के कई जिलों में आपूर्ति ठप रही। लोगों को बिजली-पानी के लिए परेशान होना पड़ा।

पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के निजीकरण के ऊर्जा निगम प्रबंधन के फैसले के विरोध में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले सभी बिजली कर्मचारियों, जूनियर इंजीनियरों और अभियंताओं ने उत्तर प्रदेश के सभी जिलों और परियोजनाओं पर अनिश्चितकालीन पूर्ण कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया है। संघर्ष समिति का दावा है कि उसके समर्थन में केरल, तमिलनाडु, कनार्टक, महाराष्ट्र, गुजरात, मध्यप्रदेश, पंजाब, हरियाणा, जम्मू कश्मीर, लद्दाख, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल सहित अन्य प्रांतों के कुल 15 लाख बिजलीकर्मियों ने भी कार्य बहिष्कार किया।

समिति पदाधिकारियों का कहना है कि ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा और ऊर्जा निगम के साथ पूर्व में समझौता हुआ था कि विभाग के कर्मियों को विश्वास में लेकर ही कहीं भी निजीकरण किया जाएगा। यह समझौते का उल्लंघन है।संघर्ष समिति ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से प्रभावी हस्तक्षेप की पुन: अपील की है।

समिति की ओर से शैलेंद्र दुबे, एके सिंह, प्रभात सिंह, जीबी पटेल, जय प्रकाश, गिरीश पांडेय, सुहैल आबिद, महेंद्र राय आदि आंदोलन की कमान संभाले हुए हैं। वहीं, ऊर्जा निगम प्रबंधन और शासन पहले ही तैयारी कर चुका था कि कार्य बहिष्कार का असर बिजली आपूर्ति पर न पड़े। आपूर्ति बाधित करने का ऐलान संघर्ष समिति ने भी नहीं किया। हालांकि, कई जगह बिलिंग, नए कनेक्शन जैसे विभागीय काम जरूर प्रभावित हुए।

राजनीतिक समर्थन जुटाने में लगी रही ऑफिसर्स एसोसिएशन : संघर्ष समिति ने जहां कार्य बहिष्कार कर दिया है, वहीं उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन ने आंदोलन की दूसरी राह पकड़ ली है। चूंकि इस संगठन ने निजीकरण को आरक्षण के लिए खतरा बताया है, इसलिए फैसले के खिलाफ राजनीतिक समर्थन जुटाने की कवायद जारी है। अपने आंदोलन के चौथे दिन सोमवार को एसोसिएशन के कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा के नेतृत्व में दस सदस्यीय प्रतिनिधमंडल ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के बाहर होने की वजह से उनकी तरफ से सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी को एक ज्ञापन सौंपा। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव और लोकदल के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे से भी मुलाकात कर सहयोग मांगा। एसोसिएशन का कहना है कि जल्द ही राष्ट्रीय दलों के राष्ट्रीय नेताओं से भी मुलाकात कर उनसे भी सहयोग मांगा जाएगा। प्रतिनिधिमंडल में उपाध्यक्ष एसपी सिंह, अतिरिक्त महासचिव अनिल कुमार, सचिव आरपी केन, संगठन सचिव अजय कुमार, प्रेम चंद्र, आनंद कनौजिया आदि शामिल थे।

SHUBHAM SHARMA
SHUBHAM SHARMAhttps://shubham.khabarsatta.com
Shubham Sharma is an Indian Journalist and Media personality. He is the Director of the Khabar Arena Media & Network Private Limited , an Indian media conglomerate, and founded Khabar Satta News Website in 2017.
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