कोलकाता: देश के कोलकाता (Kolkata) में एक ऐसा मुस्लिम बाहुल्य इलाका है जहाँ लगभग 16 वर्षों के बाद नवरात्री में अब दुर्गा पूजा का आयोजन हो रहा है. इस इलाके की बात करें तो यहाँ के ज्यादातर हिंदू रहवासी, हिंदू परिवार वर्षों पहले यहां से चले गए थे.
यहाँ से हिंदू परिवारों के जाने के बाद से ही दुर्गा पूजा का आयोजन पूरी तरह से बंद हो गया था, जिसके बाद अब लगभग 16 सालों के बाद यहा पर नवरात्री में दुर्गा पूजा का आयोजन करवाने की जिम्मेदारी यहां के एक क्लब ने उठाई है, जिसके सारे सदस्य मुस्लिम समाज से आते हैं.
मुस्लिम बाहुल्य इलाके में 16 साल बाद पूजा का आयोजन
इंडिया टुडे की रिपोर्ट की माने तो, कोलकाता के अलीमुद्दीन गली के 13A शारिफ लेन में 16 साल बाद दुर्गा पूजा का आयोजन किया जा रहा है. इस इलाके में रहने वाले ज्यादातर हिंदू परिवारों ने अलग-अलग कारणों से 16 साल पहले ये जगह छोड़ दी थी
रिपोर्ट्स की माने तो, उन्होंने यहाँ नवरात्री में दुर्गा पूजा का आयोजन यहां बचे एक हिंदू परिवार के लिए ही करवाया है. नवरात्री में दुर्गा पूजा का आयोजन करवाने वाले तौसुफ रहमान इंडिया टुडे से बात करते हुए बताते हैं कि, इस इलाके में रहने वाले बंगाली हिंदू परिवार यहाँ पर नवरात्री में दुर्गा पूजा का आयोजन नहीं होने से काफी उदास था. इसलिए हमने फिर से दुर्गा पूजा का आयोजन करवाने का फैसला लिया. तौसुफ ने बताया,
‘”सेन परिवार ने दुर्गा पूजा का आयोजन करवाने को लेकर हमसे बात की थी, जिसके बाद हमने सोचा कि हमें इसका आयोजन करवाना चाहिए क्योंकि दुर्गा पूजा हम सबका त्योहार है. सेन परिवार की अगुवाई में हमने पूजा पंडाल से लेकर सारी जरुरी चीजों की व्यवस्था करवाई है. अगर हम अल्पसंख्यकों के हक की बात करते हैं, तो हमें मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में रह रहें हिंदुओं के हक का भी ख्याल रखना चाहिए.’
हिंदू परिवार क्या बोला?
इधर इंडिया टुडे से बात करते हुए 20 साल के सयंता सेन बताते हैं कि उनका परिवार यहां पर रहने वाला इकलौता बंगाली हिंदू परिवार है और उनके पिता यहां पर होने वाली दुर्गा पूजा के पुराने आयोजनकर्ताओं में से एक हैं.
सयंता आगे बताते हैं कि उन्हें इस बात की बहुत खुशी है कि उनके इलाके में 16 साल बाद फिर से दुर्गा पूजा का आयोजन हो रहा है.
पुराने दिनों को याद करते हुए संयता बताते हैं कि जब वो 3-4 साल के थे, तब इसका आयोजन बंद हो गया था. उनके पिता उन्हें यहां पर होने वाली दुर्गा पूजा के बारे में बताते थे. सयंता आगे कहते हैं कि, मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा दुर्गा पूजा का आयोजन करवाना हिंदु-मुस्लिम भाईचारे का एक बहुत खूबसूरत उदाहरण है.