डेस्क।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) आगामी बृहस्पतिवार को जम्मू-कश्मीर की क्षेत्रीय पार्टियों से बातचीत के दौरान ‘राज्य के दर्जे’ पर बातचीत करेंगे. इससे पहले जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) पर दो महत्वपूर्ण बैठक शुक्रवार को भी दिल्ली में हुई थीं.
जम्मू-कश्मीर को दोबारा राज्य का दर्जा देने की रणनीति पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल कई महीने से काम कर रहे थे. इस बात की जानकारी न्यूज़18 को आधिकारिक सूत्रों के जरिए मिली है
मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों का कहना है कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा जल्द दिया जा सकता है. पूर्व में इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह द्वारा वादा भी किया गया था. हालांकि क्षेत्र के विशेष दर्जे को लेकर कोई बातचीत नहीं होगी.
5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा छीनकर उसे दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांट दिया था. पहला जम्मू-कश्मीर और दूसरा लद्दाख. सरकार के इस ऐतिहासिक फैसले के बाद घाटी में कई नेताओं पर प्रतिबंध लगाए गए थे. धीरे-धीरे प्रशासन ने सभी प्रतिबंध हटा लिए और हिरासत में लिए गए नेताओं को भी छोड़ दिया गया.
अब जम्मू-कश्मीर को दोबारा राज्य का दर्जा दिए जाने को एनडीए सरकार की बड़ी सफलता के रूप में देखा जा सकता है. क्योंकि सरकार के इस फैसले के बाद उन सभी आशंकाओं की समाप्ति हो जाएगी जिसके तहत जम्मू-कश्मीर के भारत में पूर्ण विलय पर सवाल उठाए जा रहे थे
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को विभक्त करने के बाद सरकार अब अपने सारे रणनीतिक उद्देश्य प्राप्त करते दिख रही है. कश्मीर में सुरक्षा के हालात कंट्रोल में हैं, बीते साल जिला विकास परिषद के चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से निपट गए, जिन नेताओं को हिरासत में लिया था वो भी अब राजनीति करने को तैयार हैं, और पाकिस्तान के साथ सीजफायर भी बेहतर तरीके से काम कर रहा है.
अब 24 जून की वार्ता को महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि इसके बाद केंद्र और जम्मू-कश्मीर की पार्टियों के बीच बातचीत की शुरुआत होगी. नेशनल कांफ्रेंस, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी सहित कांग्रेस और अन्य पार्टियों के नेताओं को बातचीत के लिए बुलाया गया है.
बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जम्मू कश्मीर को दोबारा राज्य का दर्जा देने के ब्लू प्रिंट पर चर्चा करेंगे. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा देने में तब तक इंतजार कर सकती है जब तक परिसीमन की रिपोर्ट न आ जाए. इसके लिए बीते साल की शुरुआत में कमीशन बनाया गया था. हालांकि अभी लद्दाख की स्थिति में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा.
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