श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल जीसी मुर्मू ने इस्तीफा दे दिया है. उन्हें अक्टूबर 2019 में उपराज्यपाल नियुक्त किया गया था. मुर्मू गुजरात काडर के 1985 बैच के अधिकारी रहे हैं और केंद्रीय वित्त मंत्रालय में व्यय सचिव के तौर पर कार्यरत रहे हैं. मुर्मू ने ऐसे समय में इस्तीफा दिया है जब बुधवार को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के एक साल पूरे हुए हैं.
मोदी सरकार ने पिछले साल पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा प्रदान करने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान समाप्त कर दिये थे और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया था. इसी के बाद अक्टूबर में मुर्मू को उपराज्यपाल नियुक्त किया गया था.
अनुच्छेद 370 हटाए जाने के साथ राज्य को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के रूप में दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटा गया था। मुर्मू ने 31 अक्तूबर 2019 को उप राज्यपाल पद की शपथ ली थी। मुर्मू के शासनकाल में कश्मीर शांति, स्थिरता और विकास की ओर तेजी से बढ़ा है। राज्य में आतंकवाद या पत्थरबाजी की घटनाओं में भारी कमी आई है।
मुर्मू 1985 बैच के गुजरात कैडर के आईएएस अफसर रहे हैं। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भरोसेमंद अफसरों में माने जाते हैं। गुजरात में मोदी के मुख्यमंत्री रहने के दौरान वह उनके प्रमुख सचिव थे। एक मार्च 2019 से वह वित्त मंत्रालय में व्यय सचिव की जिम्मेदारी देख रहे थे। उन्होंने जम्मू कश्मीर के आखिरी राज्यपाल सत्यपाल मलिक के बाद उप-राज्यपाल की जगह ली थी। 1985 बैच के गुजरात कैडर के आईएएस ऑफिसर जीसी मुर्मू उस वक्त प्रिसिंपल सेक्रेटरी थे जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे।
मुर्मू का इस्तीफा उस दिन हुआ है जब जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छे 370 और आर्टिकल 35ए को खत्म किए हुए एक साल पूरा हुआ। पिछले साल 5 अगस्त के दिन ही जम्मू कश्मीर को दिए जाने वाले विशेष दर्जा को खत्म किया गया था। इसके साथ ही जम्मू कश्मीर और लद्दाख को दो अलग हिस्सों मे बांटकर उसे केन्द्र शासित प्रदेश बना दिया गया था।