गुजरात में राजनीतिक घमासान अभी भी जारी है. 24 घंटे में कांग्रेस के तीन विधायकों ने एक साथ इस्तीफा दे दिया. इसके बाद कांग्रेस को एक बार फिर रिजॉर्ट का सहारा लेना पड़ा है. गुजरात कांग्रेस ने अपने 65 विधायकों को सुरक्षित रखने के लिए अब रिजॉर्ट का सहारा लिया है.
कोरोना की इस महामारी सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए गुजरात कांग्रेस ने अपने विधायकों को तीन टीमों में विभाजित कर दिया है. सभी विधायकों की जिम्मेदारी गुजरात कांग्रेस के तीन बड़े नेताओं को दी गई है. विधायकों को 20, 20 और 25 की टीम में रखा गया है. कुछ विधायकों को बनासकांठा जिले के अंबाजी के पास एक रिजॉर्ट में रखा गया है.
सौराष्ट्र के कांग्रेस विधायकों को राजकोट के पास ही कांग्रेस के पूर्व विधायक इंद्रनील राज्यगुरु के रिजॉर्ट नील सिटी में रखा गया है. वहीं, मध्य गुजरात और दक्षिण गुजरात के विधायकों को फार्म हाउस में रखा गया है. कांग्रेस के नेता अर्जुन मोढवाडिया का आरोप है कि जिन विधायकों ने अपनी जिंदगी में कभी एक साथ 50 लाख रुपए नहीं देखे हैं वैसे विधायकों को बीजेपी 20 करोड़ दे रही है. बीजेपी सिर्फ और सिर्फ इस कोरोना जैसी महामारी के वक्त में भी लोगों का टेस्ट करने की जगह कांग्रेस के विधायकों को खरीदने में लगी है
वहीं, अब तक कांग्रेस के 8 विधायकों ने राज्यसभा चुनाव के लिए फॉर्म भरने के बाद अपना इस्तीफा दे दिया है. दिलचस्प बात तो ये है कि राज्यसभा के लिए जब फॉर्म भरे गए उसके बाद पांच विधायकों ने अपना इस्तीफा दिया. जिसके बाद कांग्रेस अपने विधायकों को जयपुर रिजॉर्ट लेकर चली गई थी. हालांकि बाद में कोरोना जैसी महामारी की वजह से पूरा देश लॉकडाउन में था, और जैसे ही अनलॉक 1 शुरू हुआ कांग्रेस के तीन और विधायकों ने अपना इस्तीफा सौंप दिया.
बागी विधायकों ने कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि उन्हें पार्टी में सुना नहीं जाता है, लेकिन सवाल ये भी खड़ा होता है कि आखिर राज्यसभा चुनाव के वक्त ही क्यों इस तरह कांग्रेस विधायक अपना इस्तीफा सौंप रहे हैं. पार्टी के नेता हार्दिक पटेल का कहना है कि, जिन लोगों को जनता ने चुनकर भेजा है और लोगों ने इन नेताओं पर विश्वास किया है. वैसे में अगर उन्हें कांग्रेस पार्टी से दिक्कत है तो वो कांग्रेस पार्टी से अपना इस्तीफा दे दें, लेकिन विधायक पद से ही क्यों इस्तीफा दिया जाता है. ये बीजेपी का पैसों का बहुत बड़ा खेल है.