कांग्रेस ने कहा- मणिपुर में ‘असंवैधानिक’ सरकार चला रही भाजपा

By Khabar Satta

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नई दिल्ली। कांग्रेस ने मंगलवार को सरकार पर मणिपुर में 12 विधायकों को अयोग्य घोषित नहीं कर ‘राज धर्म’ त्यागने का आरोप लगाया और कहा कि भाजपा राज्य में कृत्रिम बहुमत बनाकर और ‘असंवैधानिक’ सरकार चलाकर लोकतंत्र को ‘विकृत’ कर रही है।

12 विधायकों को लाभ के पद के मामले में 2018 में अयोग्य ठहराया जाना चाहिए था

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि 12 विधायकों को लाभ के पद के मामले में अयोग्य ठहराया जाना चाहिए था, लेकिन संवैधानिक प्राधिकारी निर्णय नहीं ले रहे और विलंब कर रहे हैं। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, मणिपुर भाजपा के 12 विधायकों को लाभ के पद के मामले में 2018 में अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए था।

राज्यपाल द्वारा भाजपा की रक्षा करना पूरी तरह से असंवैधानिक

अब, ईसीआई (चुनाव आयोग) का कहना है कि मणिपुर के राज्यपाल को पहले ही इस बारे में निर्देशित किया जा चुका है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। राज्यपाल द्वारा भाजपा की रक्षा करना पूरी तरह से असंवैधानिक है।

सिंघवी ने कहा- जिन 12 विधायकों ने पाला बदला था, उन्हें मणिपुर में संसदीय सचिव बनाया गया

उधर कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि 2017 में जिन 12 विधायकों ने पाला बदला था, उन्हें मणिपुर में संसदीय सचिव बनाया गया, लेकिन बाद में उन्हें हटा दिया गया क्योंकि वे लाभ के पद पर थे।

सिंघवी ने कहा- मणिपुर हाई कोर्ट के फैसले के बाद भी, विधायक अयोग्य नहीं ठहराये गए

उन्होंने कहा कि सितंबर 2020 में मणिपुर हाई कोर्ट के फैसले के बाद भी, विधायक अयोग्य नहीं ठहराये गए। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्यपाल और चुनाव आयोग इस मुद्दे पर अपने फैसले में देरी कर रहे हैं।

सिंघवी ने कहा- भाजपा 12 विधायकों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर जानबूझकर देरी कर रही

सिंघवी के साथ मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री इबोबी सिंह और पार्टी के अन्य नेता और विधायक भी थे। सिंघवी ने कहा कि भाजपा 12 विधायकों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर जानबूझकर और असंवैधानिक देरी कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि 2017 में कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत आया था लेकिन मार्च 2017 में खरीद फरोख्त और गंदी गतिविधियों द्वारा 28 विधायकों वाले स्पष्ट बहुमत को एक कृत्रिम अल्पमत में तब्दील कर दिया गया और भाजपा ने अपनी सरकार बना ली।

कांग्रेस नेता ने कहा- भाजपा ने उन 12 विधायकों को पुरस्कृत किया जिन्होंने पाला बदला था

उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार बनाने के तुरंत बाद, भाजपा ने उन 12 विधायकों को पुरस्कृत किया जिन्होंने पाला बदला था, उन्हें संसदीय सचिव पद दिए गए लेकिन कुछ महीनों बाद उन्हें हटा दिया गया क्योंकि उन्हें एहसास हुआ कि ये पद अवैध थे।

कांग्रेस नेता ने कहा- संसदीय या विधानसभा सचिव लाभ का पद है

उन्होंने आरोप लगाया कि संसदीय या विधानसभा सचिव लाभ का पद माना जाता है। यह अच्छी तरह से स्थापित नियम है। उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट का सितंबर 2020 का फैसला, जो सुप्रीम कोर्ट में अपील के अधीन है, के साढ़े पांच महीने बाद भी राज्यपाल ने निर्णय नहीं लिया है और चुनाव आयोग ने भी इस पर लंबे समय तक निर्णय नहीं लिया।

Khabar Satta

खबर सत्ता डेस्क, कार्यालय संवाददाता

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