कृषि विधेयक पर संसद में घमासान, कांग्रेस ने फाड़ी विधेयक की प्रति, हरसिमरत कौर का इस्तीफा

By SHUBHAM SHARMA

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नई दिल्ली। विधेयक तो था किसानों की खुशहाली का, लेकिन विपक्ष ही नहीं राजनीतिक दबाव में आए अकाली दल ने भी सरकार की ओर से पेश दो कृषि विधेयकों को किसान विरोधी ठहराते हुए न सिर्फ विरोध किया, बल्कि मंत्रीपद से इस्तीफा देने की घोषणा कर एक नया मोड़ भी दे दिया। दरअसल, यह पहली बार है कि मोदी सरकार में किसी गठबंधन दल ने सदन में इस्तीफे की घोषणा की है। वहीं, कांग्रेस के एक सदस्य ने विधेयक की कापी फाड़ कर विरोध जताया। माहौल कुछ इस कदर गरमाया कि किसानों पर चर्चा की बजाय राजनीति पर ज्यादा चर्चा हो गई और पलटवार करते हुए कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कांग्रेस के घोषणापत्र के जरिए आईना दिखा दिया। उन्होंने घोषणापत्र पढ़कर बताया कि कांग्रेस के घोषणापत्र में भी ऐसे विधेयक की बात की गई थी।

मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा विधेयक तथा कृषि उत्पाद व्यापार और वाणिज्य विधेयक को लेकर पहले दिन से संसद से लेकर सड़क तक गर्मी दिख रही है। सड़क पर कुछ किसान संगठन उतरे हैं, तो संसद में विपक्षी दल एकजुट दिखे। सभी दलों ने व्हिप जारी किया था। लेकिन रोचकता अकाली दल के रुख के कारण बढ़ गई। सुखबीर बादल ने संसद में ही घोषणा कर दी कि इस विधेयक के विरोध में हरसिमरत मंत्रिमंडल से इस्तीफा देंगी।

विपक्ष की ओर से मुख्य आरोप था कि यह विधेयक एमएसपी को खत्म करने का पहला कदम है। हालांकि, मंत्री की ओर से बार-बार स्पष्ट किया गया कि ‘एमएसपी खत्म नहीं होगा। यह बरकरार रहेगा। लेकिन हां, इससे लाइसेंस राज जरूर खत्म होगा, किसानों को स्वतंत्रता मिलेगी, वह कहीं भी अपनी उपज बेचकर ज्यादा मुनाफा कमा सकेगा। किसानों को बिचौलिए से मुक्ति मिलेगी।’

विधेयक के विरोध पर तंज करते हुए तोमर ने परोक्ष रूप से राहुल पर भी व्यंग किया। उन्होंने कहा- ‘मुझे पता चला कि कुछ सदस्यों ने विधेयक की कापी फाड़ दी, मुझे अचरज नहीं, क्योंकि इसी पार्टी के एक नेता ने कांग्रेस काल में ही लाए गए विधेयक की कापी फाड़ दी थी।’ तोमर ने कहा कि तरह-तरह के विरोध दिखाए गए, लेकिन कांग्रेस खुद इसका क्या जवाब देगी कि उसके घोषणापत्र में इसका जिक्र क्यों था। तोमर ने कहा- ‘हरियाणा में हुडा सरकार के समय ही सबसे पहले फल और सब्जी को मंडी कानून के दायरे से बाहर किया गया था, जबकि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 2005 में कहा था कि किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए मंडी कानून को खत्म कर कांट्रैक्ट फार्मिंग को बढ़ावा देना चाहिए।

विपक्ष की ओर से यह आशंका भी जताई गई कि कांट्रैक्ट फार्मिंग के जरिए कारपोरेट सेक्टर किसानों पर हावी हो सकता है। हालांकि, मंत्री की ओर से स्पष्ट किया गया कि विधेयक में स्पष्ट है कि जमीन जैसे किसी भी विवाद में किसानों को उच्च वरीयता होगी, बल्कि यह विधेयक कारपोरेट जगत को इसके लिए बाध्य करेगा कि करार में कोई दरार न हो

तोमर ने पंजाब पर परोक्ष तंज किया और कहा- जिन राज्यों में इसका विरोध हो रहा है, वहां किसानों को उपज का पैसा डीबीटी से नहीं मिल रहा है, जबकि पूरे देश में किसानों को डीबीटी से पैसा मिल रहा है। यह हमारी सरकार की पारदर्शिता दिखाती है। राजनीतिक गर्मी इतनी थी कि लगभग साढ़े चार घंटे चली बहस और बार बार के आश्वासन के बावजूद अधिकतर विपक्ष ने विरोध स्वरूप वॉकआउट किया, उसके बाद विधेयक ध्वनिमत से पारित हो गया।

SHUBHAM SHARMA

Shubham Sharma is an Indian Journalist and Media personality. He is the Director of the Khabar Arena Media & Network Private Limited , an Indian media conglomerate, and founded Khabar Satta News Website in 2017.