नई दिल्ली : देश में कोरोना के मरीजों की संख्या रोजाना रिकॉर्ड तोड़ रही है। इस दूसरी लहर में गंभीर रूप से बीमार रोगियों की बढ़ती संख्या के कारण, देश के कई राज्यों में रेमेडिसविर इंजेक्शन की कमी है। इसलिए, देश में रोगियों को इन इंजेक्शनों की आपूर्ति करने के लिए, केंद्र सरकार ने रेमेडिसवीर इंजेक्शन के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है।
केंद्र सरकार ने रेमेडिसविर एक्टिव फार्मास्युटिकल इंग्रीडिएंट्स (एपीआई) के रेमेडिसविर इंजेक्शन के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। देश में कोविद 19 की स्थिति को नियंत्रण में लाने तक निर्यात प्रतिबंध लगाया गया है। हाल के कॉरपोरेट घोटालों के परिणामस्वरूप इस विशेषता की मांग काफी बढ़ गई है। सबसे ज्यादा मांग देश के विभिन्न राज्यों और खासकर महाराष्ट्र से आ रही है, जहां कोरोना विस्फोट हुआ है। सप्लाई न मिलने के कारण कई जगहों पर रेमेडिसविर इंजेक्शन ब्लैकमेल किए जा रहे हैं। देश में स्थिति को देखते हुए, केंद्र सरकार ने आखिरकार निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है।
देश में रेमडेसिविर के सभी निर्माताओं को निर्देश दिया गया है कि वे अपनी वेबसाइट पर इंजेक्शन स्टॉकिस्ट और वितरकों की जानकारी प्रदर्शित करें। जरूरतमंद लोगों को दवाओं की उपलब्धता को आसान बनाने के लिए वेबसाइट पर जानकारी पोस्ट की गई है। केंद्र सरकार ने खाद्य और ड्रग इंस्पेक्टरों और अन्य अधिकारियों को स्टॉकिंग और इंजेक्शन के काला बाजार को कम करने के लिए आवधिक निरीक्षण करने का भी निर्देश दिया है।
रेमेडिसविर इंजेक्शन आने वाले दिनों में देश भर में उच्च मांग में होने की उम्मीद है। इसलिए, मेडिसिन विभाग ने निर्माताओं को इंजेक्शन के निर्माताओं से संपर्क करके इन इंजेक्शनों का उत्पादन बढ़ाने का निर्देश दिया है।