बांग्लादेश आरक्षण हिंसा: छात्रों के विरोध प्रदर्शनों के बीच फोन और इंटरनेट कनेक्टिविटी हुई बंद!

SHUBHAM SHARMA
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बांग्लादेश हिंसा: छात्रों के विरोध प्रदर्शनों के बीच फोन और इंटरनेट कनेक्टिविटी हुई बंद!

नई दिल्ली: सरकारी नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ हिंसक छात्र विरोध प्रदर्शन के कारण शुक्रवार को बांग्लादेश में दूरसंचार सेवाएं व्यापक रूप से बाधित रहीं। इस सप्ताह छात्रों के विरोध प्रदर्शन में लगभग दो दर्जन लोग मारे गए हैं।

ताजा हिंसा में बढ़ी मौतों की संख्या

फ्रांसीसी समाचार एजेंसी एएफपी ने बताया कि गुरुवार की हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़कर 32 हो गई है। रॉयटर्स ने बताया था कि 13 लोग मारे गए हैं, जबकि सप्ताह के शुरू में छह लोग मारे गए थे, तथा वह अधिक संख्या की तुरंत पुष्टि नहीं कर सका।

दूरसंचार सेवाओं पर पड़ा व्यापक प्रभाव

ढाका और नई दिल्ली में रॉयटर्स के प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि अधिकारियों ने अशांति को शांत करने के लिए गुरुवार को कुछ मोबाइल सेवाएं बंद कर दी थीं, लेकिन शुक्रवार सुबह तक यह अशांति पूरे देश में फैल गई।

विदेशों से आने वाली अधिकांश टेलीफोन कॉलें कनेक्ट नहीं हो पा रही थीं तथा इंटरनेट के माध्यम से भी कॉलें पूरी नहीं हो पा रही थीं। शुक्रवार सुबह कई बांग्लादेशी समाचार पत्रों की वेबसाइटें अपडेट नहीं हो रही थीं और उनके सोशल मीडिया हैंडल भी सक्रिय नहीं थे।

व्यापक इंटरनेट और टेलीफोन व्यवधान

ढाका में रॉयटर्स के एक फोटोग्राफर ने बताया कि शुक्रवार सुबह देश में सिर्फ़ कुछ वॉयस कॉल ही काम कर रहे थे और मोबाइल डेटा या ब्रॉडबैंड भी नहीं था। उन्होंने बताया कि एसएमएस या मोबाइल-टू-मोबाइल टेक्स्ट मैसेज भी नहीं आ रहे थे।

बेरोजगारी और असंतोष के कारण फैला आंदोलन

इस साल की शुरुआत में प्रधानमंत्री शेख हसीना के दोबारा चुने जाने के बाद से यह सबसे बड़ा राष्ट्रव्यापी आंदोलन है, जिसकी वजह युवाओं में बढ़ती बेरोज़गारी है। देश की 170 मिलियन आबादी का लगभग पाँचवाँ हिस्सा बेरोज़गारी या शिक्षा से वंचित है। प्रदर्शनकारी मांग कर रहे हैं कि राज्य सरकार 1971 में पाकिस्तान से स्वतंत्रता संग्राम में लड़ने वाले लोगों के परिवारों के लिए 30 प्रतिशत सरकारी नौकरियां देना बंद करे।

कोटा व्यवस्था की बहाली से उत्पन्न संकट

हसीना सरकार ने 2018 में कोटा व्यवस्था को खत्म कर दिया था, लेकिन पिछले महीने हाई कोर्ट ने इसे फिर से बहाल कर दिया। सरकार ने इस फैसले के खिलाफ अपील की और सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश को निलंबित कर दिया, जो 7 अगस्त को सरकार की अपील पर सुनवाई तक लंबित है।

छात्रों का आक्रोश और प्रशासन की प्रतिक्रिया

छात्रों के आक्रोश को देखते हुए प्रशासन ने कई कड़े कदम उठाए हैं, जिनमें इंटरनेट और मोबाइल सेवाओं को बंद करना शामिल है। इसके बावजूद, विरोध प्रदर्शन देशभर में फैलते जा रहे हैं। सरकार और छात्रों के बीच यह संघर्ष और भी बढ़ सकता है, यदि समाधान जल्द नहीं निकाला गया।

अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया

अंतर्राष्ट्रीय समुदाय भी इस स्थिति पर नज़र रखे हुए है। कई देशों ने बांग्लादेश सरकार से शांति और स्थिरता बनाए रखने की अपील की है। बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए, यह संकट अन्य क्षेत्रों में भी अस्थिरता पैदा कर सकता है।

बेरोजगारी और शिक्षा की कमी

बांग्लादेश में बेरोजगारी और शिक्षा की कमी एक बड़ी समस्या है। सरकार को चाहिए कि वह इन मुद्दों पर ध्यान दे और युवाओं के लिए अधिक अवसर प्रदान करे। यदि यह समस्याएँ हल नहीं होती हैं, तो भविष्य में और भी बड़े प्रदर्शन हो सकते हैं।

समाज पर प्रभाव

इस प्रकार की अस्थिरता से समाज पर व्यापक प्रभाव पड़ता है। लोग अपनी दैनिक गतिविधियों को सामान्य रूप से नहीं कर पा रहे हैं। स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय बंद हो रहे हैं, और व्यापार भी प्रभावित हो रहा है।

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Khabar Satta:- Shubham Sharma is an Indian Journalist and Media personality. He is the Director of the Khabar Arena Media & Network Private Limited , an Indian media conglomerate, and founded Khabar Satta News Website in 2017.
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