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अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की दिशा में 5 अगस्त का दिन ऐतिहासिक होने जा रहा है। इस दिन राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण की आधारशिला रखी जाएगी, जिसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अयोध्या में मौजूद रहेंगे। इस दिन पर सभी की निगाहें जमी हैं और ऐसे में किसी भी तरह की कोई कमी न रह जाए, इसके लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार (अगस्त 2, 2020) को अयोध्या दौरे पर रहेंगे।

वहीं अयोध्या में रामजन्मभूमि मंदिर के प्रस्तावित मॉडल की संशोधित आर्किटेक्चरल डिजाइन अब फाइनल हो गई है। मंदिर के आर्किटेक्ट चंद्रकांत सोमपुरा ने शुक्रवार (जुलाई 31, 2020) को बताया कि अयोध्या में प्रस्तावित राम मंदिर आकार में अपने मूल डिजाइन से तकरीबन दोगुना बड़ा होगा। 

उन्होंने बताया कि उच्चतम न्यायालय के पिछले साल के फैसले के बाद मंदिर के डिजाइन को संशोधित किया गया है। वास्तुकार ने बताया कि मंदिर को नागर शैली में बनाया जाएगा।

वास्तुकार ने बताया, ‘‘अब इसमें गर्भगृह के ठीक ऊपर शिखर होगा और पाँच गुंबद होंगे। मंदिर की ऊँचाई भी पहले से अधिक होगी।’’ इससे पहले के मंदिर मॉडल में दो गुंबद और एक शिखर प्रस्तावित था।

आर्किटेक्ट चंद्रकांत सोमपुरा के मुताबिक एक बार काम शुरू हो जाने पर अगले तीन साल में परियोजना पूरी हो जाएगी। सोमपुरा ने बताया कि 30 साल पहले राम मंदिर को डिजाइन करना एक कठिन काम था, क्योंकि उन्हें माप की इकाई के रूप में अपने कदमों का उपयोग करते हुए नक्शे तैयार करने थे।

उन्होंने बताया :
‘‘जब 1990 में मैंने अयोध्या में पहली बार वह जगह देखी तो उस समय सुरक्षा कारणों से परिसर में कुछ भी ले जाने की अनुमति नहीं थी। यहाँ तक कि नाप लेने वाले टेप को साथ रखने नहीं दिया गया, मुझे अपने कदमों से माप लेनी पड़ी थी।”

सोमपुरा ने बताया कि उनके नक्शे के डिजाइन को ही देखते हुए विहिप ने 1990 में अयोध्या में पत्थर को तराशने की इकाई स्थापित की थी। उन्होंने कहा, ‘‘हालाँकि उच्चतम न्यायालय का फैसला रामजन्मभूमि के पक्ष में आने के बाद मंदिर के डिजाइन में बदलाव किए गए हैं। अब पाँच गुंबद होंगे। इसके दो कारण हैं। पहला यह कि मंदिर के लिए अब जमीन की कोई कमी नहीं है। दूसरा, इस पर काफी चर्चा होने के कारण हमें उम्मीद है कि हर दिन मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु आएँगे और आकार बढ़ाने से उसमें ज्यादा श्रद्धालु आ सकेंगे।’’ 

सोमपुरा के मुताबिक उनके बेटे आशीष ने जून में ट्रस्ट के सामने इस संशोधित योजना को प्रस्तुत किया था, जिसे मंजूरी मिल गई है। आशीष सोमपुरा मंदिर के निर्माण पर नजर रखेंगे हालाँकि उनके पिता ही इस पर कोई अंतिम फैसला करेंगे ।

चंद्रकांत सोमपुरा ने बताया, ‘‘यह परियोजना खास है क्योंकि यह भगवान राम की जन्मभूमि पर बन रही है। हम सुनिश्चित करेंगे कि यह सर्वश्रेष्ठ हो। पाँच गुंबद के साथ यह एक उदाहरण बनाएगा। मंदिर की वास्तुकला के हिसाब से इसे सर्वश्रेष्ठ स्थान के तौर पर विकसित किया जाएगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘काम शुरू हो जाने के बाद अगले तीन साल में मंदिर का निर्माण पूरा हो जाएगा।’’ सोमपुरा ने कहा कि उनके परिवार ने नागर शैली में मंदिर तैयार किए हैं और अयोध्या में प्रस्तावित मंदिर को भी उत्तर भारतीय मंदिर वास्तुकला की शैली में तैयार किया जाएगा। बता दें कि सोमपुरा (77 वर्ष) मंदिरों का नक्शा तैयार करने वाले परिवार से आते हैं। वह ऐसे 200 से अधिक ढाँचे की डिजाइन तैयार कर चुके हैं। 

Khabar Satta:- Shubham Sharma is an Indian Journalist and Media personality. He is the Director of the Khabar Arena Media & Network Private Limited , an Indian media conglomerate, and founded Khabar...

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