Ayodhya Ram Mandir: गर्भगृह के साथ-साथ राम मंदिर के ग्राउंड फ्लोर का 80% काम पूरा हो चुका है। मंदिर में खिड़की, दरवाजे और अचल मूर्ति के निर्माण की चर्चा भी जारी है। यहां ‘अचल मूर्ति’ से तात्पर्य एक स्थान पर स्थिर होने वाली मूर्ति से है। इसे हटाया नहीं जा सकता है।
दूसरी चल मूर्ति या उत्सव मूर्ति अलग होती है, जो किसी पूजा उत्सव में गर्भगृह से बाहर निकाल सकते हैं। बैठक में भवन निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्रा, ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय और कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि, कामेश्वर चौपाल समेत कई अहम लोग शामिल हैं।
कल से अयोध्या में श्रीराम मंदिर के अंदर बन रहे गर्भगृह में नक्काशीदार पत्थर लगाए जाएंगे। मंदिर ट्रस्ट ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को भी आमंत्रित किया है। सुबह 9 बजे से पत्थरों को जोड़ने का काम वैदिक मंत्रोच्चार और पूजा-पाठ के बीच शुरू होगा।
इसके अलावा, ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने संतों को भी आमंत्रित किया है और पत्र भेजा है। आज श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा एक बैठक आयोजित की जा रही है।
Ayodhya Ram Mandir: आयोध्या में 3 मूर्तियों का निर्माण शुरू
श्रीराम के लिए 3 मूर्तियों का निर्माण आयोध्या में शुरू हो गया है। ये मूर्तियां रामलला को मुकुट पहने हुए और हाथ में धनुष-बाण लिए हुए बनाई जा रही हैं। इन मूर्तियों के निर्माण में कर्नाटक की 2 श्याम शिला और राजस्थान के श्वेत संगमरमर का उपयोग हो रहा है। अभी तक निर्धारित नहीं हुआ है कि इनमें से कौन-सी मूर्ति गर्भगृह के लिए चुनी जाएगी।
इन मूर्तियों का पूरा निर्माण करने में लगभग 4 महीने का समय लगेगा। कर्नाटक के मैसूर से आए 2 शिल्पकार, और राजस्थान से आए संगमरमर की शिला का कार्य रामसेवकपुरम में संपन्न हो रहा है। यह कार्य कर्नाटक के शिल्पकार गणेश एल. भट्ट और राजस्थान के शिल्पकार सत्यनारायण पांडेय के नेतृत्व में हो रहा है।
Ayodhya Ram Mandir: श्रीरामजन्मभूमि परिसर में विकसित हो रहे पथ
राम मंदिर का निर्माण प्रगति पर है। साथ ही, यहां तीन सड़कों का निर्माण भी जल्दी से आगे बढ़ रहा है, जो राम मंदिर से जुड़ेगी। जन्मभूमि पथ अंतिम चरण में है, और भक्ति पथ अगस्त तक पूरा हो जाएगा। राम पथ, जो महत्वपूर्णता में सबसे ऊपर है, इसका निर्माण भी निर्धारित समय से पहले दिसंबर तक मुक्तिकरण कर दिया जाएगा। यह कार्य का अंतिम समय अप्रैल 2024 था, लेकिन अब यह दिसंबर में पूरा होगा।
गोरखपुर की गीता प्रेस में बने चित्रों की छवि राम मंदिर की मूर्तियों में दिखेगी
अयोध्या के राम मंदिर के श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र में, गोरखपुर की गीता प्रेस में बने चित्रों की छवि राम मंदिर की मूर्तियों में दिखेगी। यहां पर श्रीराम से जुड़े अन्य पात्रों की मूर्तियां रखी जाएंगी, और इन मूर्तियों के रूप में त्रेता युग के ऋषि-मुनियों, वाल्मीकि, विश्वामित्र, अगस्त, वशिष्ठ, शबरी माता, अहिल्या माता और निषाद राज की मूर्तियां भी होंगी। इन मूर्तियों के निर्माण के लिए, श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के ट्रस्टी गीता प्रेस के द्वारा मूर्तिकारों को प्रामाणिक चित्र उपलब्ध कराए गए हैं।