अयोध्या केस: सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से पहले पढ़ें 2010 का इलाहाबाद हाई कोर्ट का फैसला

By SHUBHAM SHARMA

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उस फैसले में तीन जजों की पीठ ने अयोध्या की विवादित 2.77 एकड़ जमीन को तीन बराबर हिस्सों में बांट दिया था.

नई दिल्ली: देश के संभवत: सर्वाधिक चर्चित और विवादित अयोध्या के रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले (Ayodhya Case) में आज (शनिवार नौ नवंबर) सुबह साढ़े 10 बजे सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुनाने जा रहा है. इस मामले की सुनवाई पूरी करने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. इससे पहले 30 सितंबर, 2010 को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अयोध्या मामले पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया था. हाई कोर्ट के जस्टिस सुधीर अग्रवाल, जस्टिस एस यू खान और जस्टिस डी वी शर्मा की बेंच ने वह फैसला सुनाया था.

उस फैसले में तीन जजों की पीठ ने अयोध्या की विवादित 2.77 एकड़ जमीन को तीन बराबर हिस्सों में बांट दिया था. हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि राम लला विराजमान वाला हिस्सा हिंदू महासभा को दिया जाए. दूसरा हिस्सा निर्मोही अखाड़े को और तीसरा हिस्सा सुन्नी वक्फ बोर्ड को दिया जाए.

अयोध्या केस में हाई कोर्ट ने पुरातत्व विभाग की रिपोर्ट को आधार मानकर अपना फैसला सुनाया था. हाई कोर्ट ने कहा था कि खुदाई के दौरान विवादित स्थल पर मंदिर के प्रमाण मिले थे. इसके अलावा भगवान राम के जन्म होने की मान्यता को भी शामिल किया गया था. हालांकि कोर्ट ने यह भी कहा था कि साढ़े चार सौ साल से मौजूद एक इमारत के ऐतिहासिक तथ्यों की भी अनदेखी नहीं की जा सकती.

30 सितंबर 2010 को इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ उसी साल दिसंबर में हिंदू महासभा और सुन्नी वक्फ बोर्ड ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी.  9 मई 2011 को सुप्रीम कोर्ट ने पुरानी स्थिति बरकरार रखने का आदेश दे दिया. उसके बाद अब सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की पीठ के सामने 40 दिनों तक बहस के बाद इस मामले में सुनवाई पूरी हो चुकी है. देश की सबसे बड़ी अदालत ने फैसला सुनाने के लिए शनिवार यानी 9 नवंबर का दिन तय किया है.

SHUBHAM SHARMA

Shubham Sharma is an Indian Journalist and Media personality. He is the Director of the Khabar Arena Media & Network Private Limited , an Indian media conglomerate, and founded Khabar Satta News Website in 2017.

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