नई दिल्ली। भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चार मैचों की सीरीज के पहले टेस्ट मैच में शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा। दूसरी पारी में भारतीय टीम महज 36 रन पर ही ऑलआउट हो गई। कोई भी बल्लेबाज दहाई के अंक तक भी नहीं पहुंच पाया। इस प्रदर्शन को देखन के बाद भी पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने कहा कि भारतीय बल्लेबाजी को दोष देना सही नहीं होगा क्योंकि ऑस्ट्रेलिया की गेंदबाजी हद से ज्यादा अच्छी थी।
भारतीय टीम ने साल 1974 में टेस्ट क्रिकेट में इंग्लैंड के खिलाफ 42 रन पर ऑलआउट हुई थी। यह टीम इंडिया का अब तक का सबसे छोटा स्कोर था लेकिन एडिलेड में 36 रन पर ढेर होकर भारतीय बल्लेबाजी ने इस शर्मनाक रिकॉर्ड को तोड़ दिया। अब 2020 में एडिलेड टेस्ट का स्कोर भारतीय टीम का सबसे छोटा टेस्ट स्कोर बना गया है। गावस्कर ने कहा, “जैसे भारतीय बल्लेबाज आउट हुए उसके लिए उनको दोष देना सही नहीं होगा। भारतीय बल्लेबाज इस तरह से आउट हुए क्योंकि ऑस्ट्रेलिया की गेंदबाजी बहुत ही ज्यादा कमाल की थी।
आगे उन्होंने कहा, “टेस्ट क्रिकेट खेलना शुरू करने के बाद से यह अब तक का सबसे छोटा स्कोर है, यह देखकर कभी भी अच्छा नहीं लगता। लेकिन मैं यह कहना चाहूंगा कि ज्यादातर टीमें जो भी इस तरह की गेंदबाजी का सामना करेंगी तो उनको भी इसी तरह की परेशानी का सामना करना पड़ेगा। भले ही वो 36 रन पर ऑलआउट ना हो लेकिन 72, 80 या तो 90 पर जरूर हो जाएंगे।”
“हेजलवुड और कमिंस ने जैसी गेंदबाजी की और उससे पहले मिशेल स्टार्क ने जो तीन ओवर का स्पेल डाला उन्होंने काफी सारे सवाल पूछे। इसी वजह से मैं कह रहा हूं कि भारतीय बल्लेबाजी को दोष देना कही नहीं रहेगा। मै यही कहूंगा कि ज्यादातर टीमों को ऐसी गेंदबाजी के आगे संघर्ष करना ही पड़ेगा।”