सिविल लाइंस थाने में बाबा रामदेव के खिलाफ महामारी के समय गैर जिम्मेदार बयान देकर दूसरे की जान खतरे में डालने का केस

Ranjana Pandey
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डेस्क।एलोपैथी मेडिसिन, डॉक्टरों और कोरोना वैक्सीन के बारे में पिछले दिनों लगातार बयान दे रहे बाबा रामदेव के खिलाफ रायपुर में मामला दर्ज हो गया है। इसमें रामकृष्ण यादव उर्फ बाबा रामदेव के खिलाफ महामारी के खिलाफ गैर जिम्मेदाराना बयान देकर दूसरे की जान खतरे में डालने, सार्वजनिक शांति भंग करने और प्रशासनिक आदेशों की अवहेलना करने के आरोप हैं।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन हॉस्पिटल बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता की शिकायत के आधार पर सिविल लाइंस थाने के प्रभारी, निरीक्षक आरके मिश्रा ने यह FIR दर्ज कराई है। इसकी तहरीर में कहा गया है, 26 मई को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और हास्पिटल् बोर्ड ने बाबा रामदेव के खिलाफ एक शिकायत सौंपी थी। इसमें कहा गया था, पिछले दिनों बाबा रामदेव द्वारा देश के पूरे चिकित्सक समुदाय, केंद्र सरकार और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च से अनुशंसित और पिछले सवा साल से प्रयोग की जा रही कोरोना की दवाओं के बारे में दुष्प्रचार कर रहे हैं।

ऐसे दुष्प्रचार और धमकी वाले वीडियो प्रसारित किए जा रहे हैं। जब पूरे देश के डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ सरकार के साथ मिलकर कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं। ऐसे समय में बाबा रामदेव के वीडियो ने महामारी एक्ट और दवाओं के बारे में भ्रमपूर्ण वक्तव्य दिए जा रहे हैं। डॉक्टरों ने बाबा रामदेव के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की थी।

शिकायत के साथ दो वीडियो भी दिए हैं

डॉक्टरों ने अपनी शिकायत के साथ दो वीडियो के लिंक भी पुलिस को दिए थे। इसमें बाबा रामदेव के हाल ही में आए बयान थे। इनमें वे एलोपैथी डॉक्टरों और माडर्न मेडिकल साइंस का माखौल उड़ाते नजर आ रहे थे। इस वीडियो में बाबा ने वैक्सीनेशन अभियान पर भी सवाल उठाए थे।

शासनादेश के उल्लंघन के आधार पर केस

पुलिस के मुताबिक उन्होंने शिकायत की जांच की। उन्हें
छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग की ओर से 13 मार्च 2020 को जारी अधिसूचना मिली। इसके तहत महामारी से संबंधित किसी भी तरह की भ्रामक सूचना, अफवाह और दावे को प्रतिबंधित किया गया था।

इसको दंडनीय अपराध बनाया गया है। बाबा रामदेव का बयान भी इन्हीं के दायरे में आता है। इसलिए उनके खिलाफ आइपीसी की धारा 186, 188, 269,270, 504, 505 (1) और आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 51, 52, 54 में मामला दर्ज किया।

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