आज फिर औंधे मुंह गिरे सरिया के दाम, लगातार बाजार में भारी गिरावट का दौर जारी, देखें नए रेट

By SHUBHAM SHARMA

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Loha-Price

देश में लगातार सरिए के दाम गिरते जा रहे हैं। ऐसे में लोगों के घर बनाने का सपना साकार हो जाएगा। पिछले कुछ महीनों से लोगों के लिए मुश्किलें पैदा कर रही महंगाई के बीच इस वक्त अच्छी खबर है।

सरिए के दाम गिर गए है ऐसे में अब घर बनाने और बिल्डिंग खड़ा करने में जो मटेरियल लगता है वह अब लगातार सस्ता होता जा रहा है।

दरअसल लोग अपने आशियाना बनाने के लिए पूंजी जोड़ते रहते हैं लेकिन महंगाई की वजह से लोग इस सपने को साकार नहीं कर पाते हैं ऐसे में अब जो लोग घर बनाने की चाहत रखते हैं उनके लिए यह सुनहरा मौका है।

1 महीने में 8 हजार प्रति टन गिरी कीमत

अगर सरिए की बात करें तो बीते 1 महीने में भाव 8000 प्रति टन सस्ता हो चुका है। ब्याज बढ़ने की वजह से बिल्डिंग बनाने में इस्तेमाल होने वाली सामग्रियों की डिमांड कम हो गई है जिसकी वजह से कुछ अनुकूल सरकारी नीतियों ने इनकी कीमतें कम करने में मदद की है।

वहीं कारोबारियों ने बताया कि सीमेंट का भाव भी पिछले दो-तीन सप्ताह में 60 रुपये तक कम हुआ है। आने वाले दिनों में सीमेंट और बिल्डिंग मटेरियल में भारी गिरावट देखने को मिल सकती है। जून का महीना ही है जब लोग घर बनाएंगे इसके बाद बारिश आ जाएगी ऐसे समय में मकान नहीं बनाया जा सकता है।

जानिए किस तरह उतरे सरिए के दाम

अगर थोक बाजार की बात करें तो सरिया के भाव इन दिनों 60000 प्रति टन के आसपास है। वहीं 62 से 63000 टन के बीच खुदरा मूल्य में इनकी कीमतें रही है।

बीते 1 महीने पहले सरिए के दाम जहां 70000 टन के आसपास थी वहीं अब खुदरा रेट 1 महीने में करीब 8000 टन गिर गई है। अगर घर को मजबूत बनाना है तो सबसे ज्यादा इस्तेमाल और सबसे मजबूती का काम सरिया ही करता है।

हर चीज में थोड़ी कंजूसी कर ली जाती है, लेकिन सरिया ऐसी चीज होती है जिसे जितना अधिक लगाएंगे घर की मजबूती भी उतनी ही होगी। कई लोग सरिए के दाम बढ़ने की वजह से कम लागत में मकान खड़ा कर लेते हैं लेकिन आगामी समय में इसकी मजबूती कमजोर पड़ जाती है और समस्या का कारण बनती है।

SHUBHAM SHARMA

Shubham Sharma is an Indian Journalist and Media personality. He is the Director of the Khabar Arena Media & Network Private Limited , an Indian media conglomerate, and founded Khabar Satta News Website in 2017.

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