भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोनावायरस संक्रमण के मामले लगातार ही बढ़ रहे है, कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़ने के साथ साथ कोरोना वायरस की तीसरी लहर ने अब तक 10 लोगों की जान ले ली है. इन जान गवाने वाले 10 लोगों में एक 22 साल की हंसती खेलती लड़की भी शामिल है। लड़की को बचाने के लिए इस वायरस ने डॉक्टरों को इलाज के लिए 2 दिन का समय भी ना दिया। फिलहाल यह तो पता चलने में महीनो लग जायेंगे की लड़की के शरीर में वायरस का कौनसा वेरिएंट था परंतु सावधान हो जाने की जरूरत है।
मध्य प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव 22 साल की युवती की मौत एक ऐसा पहला मामला है जब कोरोना वायरस की तीसरी लहर में किसी युवा की जान गयी है, प्राप्त जानकारी के अनुसार 15 दिसंबर 2021 के बाद से अब तक 10 कोरोना वायरस संक्रमण से 10 मौतें हो चुकी हैं।
मध्यप्रदेश के सागर की 22 वर्षीय युवती के परिवार वालों से बातचीत में पता चला कि लगभग 10 दिन से उसकी तबीयत में गड़बड़ी थी, सर्दी और बुखार 10 दिनों से सता रहा था, बदलते मौसम की वजह से सर्दी और बुखार आम बात होती ही है इसलिए सर्द्दी बुखार पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया।
सर्दी बुकार के लिए घर पर उपलब्ध रहने वाली दवाइयां ही लेती थी, लेकिन 8 दिन बात अचानक तबीयत ज्यादा खराब होने लगी तब बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज ले गए, अस्पताल के डॉक्टर, बीमारी को समझकर इलाज करते उससे पहले ही उसें इस दुनिया को छोड़ दिया, अस्पताल से प्राप्त जानकारी के अनुसार युवती का कोविड-19 टेस्ट पॉजिटिव है और युवती की मौत कोविड निमोनिया कार्डियोपल्मोनरी अरेस्ट के कारण भी है।
इंदौर भोपाल ग्वालियर जबलपुर में विस्फोटक हो रहा कोरोना वायरस
प्रदेश के कई जिलोने की बात करे तो बीते 24 घंटे में मध्यप्रदेश के चारों बड़े शहरों में कोरोना का विस्फोट हुआ है। जिसमे सबसे ज्यादा तो इंदौर-948 नए मरीज मिले, भोपाल की बात करें तो भोपाल में 562 नए केस मिले जिनमे 39 बच्चे शामिल है, इसके साथ ही ग्वालियर में 333 और जबलपुर में 242 नए संक्रमित मिले।
कोविड निमोनिया कार्डियोपल्मोनरी अरेस्ट क्या होता है
कोविड निमोनिया कार्डियोपल्मोनरी अरेस्ट को कार्डियक अरेस्ट ही कहा जायेगा, इसे हिंदी में पूर्णहृदरोध भी कहते हैं, मेडिकल साइंस की भाषा में बात करे तो इसे सर्कुलेटरी अरेस्ट कहा जाता है. Cardiopulmonary Arrest का सीधा साफ़ मतलब तो यही है की हृदय की गति का अचानक रुक जाना।
इसके दौरान हृदय को सिकुड़ने और खेलने का मौका नहीं मिल पाटा है, हार्ट पंप नहीं कर पाता जिससे मरीज के शरीर में रक्त संचार रुक जाता है और मृत्यु. इलाज संभव है यदि समय पर पता चले तो अच्छे डॉक्टर मरीजों की जान बचा लेते हैं परंतु समय पर पता चलना और अच्छे डॉक्टर का मिलना दोनों ही आसान नहीं है।