डेस्क।कोरोना की दूसरी लहर और बढ़ते मामलों के खतरे को देखते हुए सरकार सिर्फ वैक्सीनेशन की रफ्तार को बढ़ाने पर जोर दे रही है। ऐसे में ज्यादा से ज्यादा वैक्सीन कंपनियों का भारत में होना जरूरी है। इसलिए टीकाकरण की रफ्तार को बढ़ाने के लिए डीसीजीआई ने एक बड़ा फैसला लिया है।
जिसमें अब भारतीय दवा नियामक कंपनी यानी डीसीजीआई ने अब फाइजर और मॉडर्ना कंपनी को जल्द से जल्द भारत लाने के लिए इनके अलग से ट्रायल कराने की शर्तों को हटा दिया है। आसान भाषा में समझें तो जिन वैक्सीन को अमेरिकी एफडीए और विश्व स्वास्थ्य संगठन से आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मिल गई है, उन्हें भारत में अलग से ट्रायल प्रक्रिया से नहीं गुजरना होगा।
ऐसे में एक नोटिस में उन्होने कहा कि इन टीके के पहले 100 लाभार्थियों पर सुरक्षा के मद्देनजर सात दिन तक निगरानी करनी होगी। बता दें कि सरकार ने दावा किया है कि वो जुलाई-अगस्त तक हर दिन एक करोड़ लोगों को कोरोना की वैक्सीन लगाएगी और दिसंबर 2021 तक देश की व्यस्क आबादी का टीकाकरण पूरा हो जाएगा। ऐसे में यदि इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए वैक्सीन की कमी हुई तो ये कमी विदेशों से वैक्सीन मंगवाकर पूरी की जा सकती है।