कोरोना की दूसरी लहर को लेकर लगातार डर बढ़ाने वाली खबरें सामने आ रही है. विशेषज्ञों की मानें तो दूसरी लहर में कोरोना का वायरस सीधे इंसान के फेफड़ों पर हमला कर रहा है. ऐसे कई मामले डॉक्टरों के सामने लगातार आते जा रहे हैं.
तीसरे दिन तक फेफड़ों में पहुंच गया संक्रमण
दक्षिण मुंबई में रहने वाले एक बुजुर्ग दंपति 2 दिनों से बुखार से पीड़ित थे. डॉक्टर ने उन्हें कोविड टेस्ट और सीटी स्कैन करवाने की सलाह दी. इस दंपति की न केवल कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आई बल्कि संक्रमण उनके फेफड़ों तक पहुंच गया था. ताज्जुब की बात ये है कि लक्षण प्रकट होने के तीसरे ही दिन संक्रमण फेफड़ों तक पहुंचकर निमोनिया का कारण बन चुका था. जबकि कोरोना की पहली लहर के दौरान वायरस के फेफड़ों तक पहुंचने में करीब 10 दिनों का समय लग रहा था.
बुजुर्गों को खतरा ज्यादा
साफ है कि कोरोना की दूसरी लहर पहले से ज्यादा घातक है. इसमें कोरोना का वायरस सीधे फेफडों पर हमला कर उन्हें संक्रमित कर रहा है. ऐसे में बुजुर्ग मरीजों के लिए खतरा और भी बढ़ गया है. कई मरीजे ऐसे भी है जिनकी आरटीपीसीआर रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी सीटी स्कैन में संक्रमण पाया जा रहा है. सीटी स्कैन की माइल्ड रिपोर्ट में मिल रहे चकते फेफड़ों में फाइब्रोसिस की ओर इशारा कर रहे हैं, जो अपने आप में काफी खतरनाक साबित हो सकता है.
सीटी स्कैन से पता चलता है फेफड़ों का संक्रमण
जाहिर है कि कोविड को लेकर बनती जा रही इस स्थिति में ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है. ऐसे में जरूरी है कि कोविड के लक्षण प्रकट होते ही न केवल कोविड जांच कराएं, बल्कि डॉक्टर की सलाह से आवश्यक हो तो सीटी स्कैन भी जरूर कराएं. आरटीपीसीआर टेस्ट जहां केवल व्यक्ति के पॉजिटिव या नेगेटिव होने की जानकारी देता है, वहीं सीटी स्कैन में फेफडों में संक्रमण की सही स्थिति डॉक्टर के सामने आ जाती है.