कर्नाटक के डिप्टी सीएम ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ठाकरे को याद दिलाया शिवाजी महाराज का इतिहास

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खबर सत्ता डेस्क, कार्यालय संवाददाता
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बेलगावी। कर्नाटक के दो उपमुख्यमंत्रियों ने सीमा विवाद का मुद्दा उठाने के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को घेरते हुए उन्हें शिवाजी महाराज के इतिहास की याद दिलाई है। ठाकरे को इतिहास मालूम नहीं है।

उपमुख्यमंत्री गोविंद करजोल ने कहा- कर्नाटक के थे शिवाजी महाराज के पूर्वज

उपमुख्यमंत्री गोविंद करजोल ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि शिवाजी महाराज के पूर्वज बेल्लियप्पा कर्नाटक के गडाग जिले के सोरातुर के रहने वाले थे। जब गडाग में सूखा पड़ा तो बेल्लियप्पा महाराष्ट्र चले गए थे। शिवाजी महाराज उस परिवार की चौथी पीढ़ी थे। उन्होंने कहा कि ठाकरे को याद रखना चाहिए कि जिस शिवाजी महाराज को आदर्श मानकर उन्होंने अपनी पार्टी का नाम रखा है, वह एक कन्नड़ ही थे।

कर्नाटक के मराठी भाषी क्षेत्र को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया जाए: करजोल

मालूम हो कि ठाकरे कर्नाटक के मराठी भाषी बहुल बेलगावी, कारवार और निप्पानी को महाराष्ट्र में मिलाने की मांग करते आ रहे हैं। इसी सिलसिले में उन्होंने हाल ही में कहा कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने तक कर्नाटक के मराठी भाषी क्षेत्र को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया जाए। उनके इसी बयान से सीमा विवाद एकबार फिर से गरमा गया है। करजोल ने कहा कि ठाकरे अपने गठबंधन सरकार की अंदरूनी खींचतान से ध्यान भटकाने के लिए इस तरह का बयान दे रहे हैं

सावडी ने कहा- महाराष्ट्र सरकार सभी मसलों पर विफल रही

दूसरे उपमुख्यमंत्री लक्ष्मण सावडी ने भी करजोल का समर्थन करते हुए कहा कि महाराष्ट्र सरकार सभी मसलों पर विफल रही है। उन्होंने कोरोना काल में भी लोकहित में कोई कदम नहीं उठाए, जिससे वे अपनी लोकप्रियता खो रहे हैं। उन्होंने 27 जनवरी को ही ठाकरे के बयानों पर पलटवार करते हुए मुंबई को ही कर्नाटक का हिस्सा बनाने की मांग करते हुए कहा कि ऐसा होने तक केंद्र उसे केंद्र शासित प्रदेश घोषित करे। महाराष्ट्र की सीमा से लगे बेलगावी जिले के प्रभारी मंत्री रमेश जरकीहोली ने भी दोनों उपमुख्यमंत्रियों का समर्थन किया है।

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