सिवनी: पेंच नेशनल पार्क टुरिया में एक रिसोर्ट के कर्मचारी ने सोशल मीडिया पर एक खुलाखत जारी किया है, जिसमे उस कर्मचारी ने बताया है कि किस तरह पेंच नेशनल पार्क में बने रिसोर्ट और होटल में कर्मचारियों का शोषण किस तरह से हो रहा है.
हमने उस कर्मचारी के बारे में जानकारी निकालने की कोशिश की परन्तु उस कर्मचारी की जानकारी हमें नहीं मिल पाई परन्तु, प्राप्त जानकारी के अनुसार उस कर्मचारी द्वारा जो खुलाखत सोशल मीडिया पर डाला गया है उसमे सच्चाई होने की उम्मीद भी नजर आ रही है.
कर्मचारी की नौकरी पर कोई खतरा ना आए और उसे और उसके साथ सभी कर्मचारियों पर हो रहे शोषण से निजाद भी मिले इस वजह से उस कर्मचारी ने यह पात्र सोशल मीडिया पर वायरल किया है.
पेंच नेशनल पार्क के रिसोर्ट के कर्मी का हो रहा शोषण
अब पढ़िए उस कर्मचारी का वो खुलाखत , जो उसने प्रताड़ित होने पर सोशल मीडिया पर पोस्ट किया
महोदय जी ,
में पेंच नेशनल पार्क टुरिया का रहने वाला हूँ जोकि सिवनी जिले में है यहाँ लगभग पचास से ज्यादा होटल है जहाँ दूर दूर से लोग आते तथा पार्क भ्रमण करते है और होटल में विश्राम करते है
पचास होटल में लगभग चार हजार से भी ज्यादा कर्मचारी काम करते है जिसमे कुछ कर्मचारी होटल में रहते है कुछ कर्मचारी काम पूरा करके अपने घर चले जाते है
अब हम काम करने की प्रक्रिया तथा काम का समय समझते है
पेंच नेशनल पार्क जंगल से घिरा हुआ क्षेत्र है जैसे की लगभग सारी होटल में समय होता है वैसे ही यहाँ भी चेक इन का समय १२ से १ बजे के बिच होता है तथा चेक आउट का समय १० से ११ बजे के बिच होता है यहाँ कर्मचारी का काम करने का कोई समय निर्धारित नहीं है.
यहाँ पर कर्मचारी सुबह से लेकर रात के १ बजे तक काम करता है कई बार तो ऐसा भी होता है की रात में १ बजे काम समाप्त करके जाने के बाद सुबह ४ बजे भी काम पर आना होता है क्युकी यहाँ पर सुबह के समय ६ बजे से पार्क भ्रमण का समय होता जोकि ११ बजे तक होता है काफी लम्बा समय होने के कारन आये हुए मेहमानो के लिए पैक नाश्ता बनाना होता है और फिर वापस जो मेहमान भ्रमण के लिए नहीं जाते है.
उनके लिए ८ बजे से पहले नाश्ता तैयार करना होता है फिर वापस १२ बजे तक दोपहर के खाने की तैयारी करनी होती है ताकि मेहमान दोपहर को पार्क भ्रमण के लिए जा सके दोपहर का पार्क भ्रमण का समय २:३० का होता है जोकि ६:३० बजे तक होता है फिर से डिनर की तैयारी करनी होती है जोकि रात १० से १२ बजे तक होता है
यहाँ किसी प्रकार की ना तो रात्रि की शिफ्ट होती है नहीं दिन की अगर हम बात करे तो यहाँ पर कम से कम १२ घंटे और ज्यादा से ज्यादा १६ घंटे काम करना होता है
अब हम बात करते है छुट्टी और स्वास्थ की
होटल में किसी प्रकार की स्वास्थ सुविधा उपलब्द नहीं होती नजदीक के गांव में कुछ झोलाछाप डॉक्टर है जहा जाकर इलाज करना होता है होटल द्वारा किसी प्रकार का खर्च इलाज के लिए नहीं दिया जाता नाही इलाज के लिए जाने हेतु कोई साधन होता है
यहाँ पर पूर्ण महीने काम करना होता नाम मात्र के लिए चार छुट्टी होती है जोकि समय पर नहीं मिलती यहाँ लगातार पुरे महीने काम कराया जाता है
कर्मचारी ने दिए सुझाव
आप सभी होटल में चेक कैसे करे
१. सभी होटल में आने और जाने का रजिस्टर होता है जोकि सुरक्षा कर्मी के पास होता है उसे चेक करे
२. जो कर्मचारी होटल में ही रहते है उनका काम पर आने जाने का कोई रिकॉर्ड नहीं होता उनसे अकेले में बात करे
३. अकेले में बात इसलिए करे ताकि उसकी नौकरी पर किसी प्रकार का खतरा ना आये
४. होटल मालिकों का कर्मचारी पर काफी दबाव होता है तथा होटल मालिक के कुछ चमचे भी होते है जो एक कर्मचारी की सारी बात बता देते है जिससे कर्मचारी आपको खुलके बात नहीं बता पायेगा
५. कुछ होटल में कर्मचारी की संख्या काफी ज्यादा होती है लेकिन वे अपने रजिस्टर में कम दिखाते है
६. कुछ होटल में १८ साल से काम बच्चो को भी काम पर रखा जाता है लेकिन रजिस्टर में नहीं दिखाते यदि आप उनका सैलरी चेक शीट चेक करेंगे तो आपको उनको नाम मिल जाएंगे
महोदय जी
में तो बहुत काम पढ़ा लिखा हु लेकिन फिर भी मुझे पता है की नए नियमो के अनुसार किसी भी होटल के कर्मचारी से ८ घंटे से ज्यादा काम नहीं करना है क्या ये बात बड़े बड़े होटल मालिकों को नहीं पता क्या ये मध्यप्रदेश के कानून के भी ऊपर है जो आदेशों का पालन नहीं कर रहे
महोदय जी यहाँ कोई भी कर्मचारी शिकायत नहीं करेंगे क्युकी वो अपनी जिम्मेदारी से डरते है
यहाँ होटल मालिकों का ग्रुप है अगर कोई कर्मचारी होटल से इन सब बातो से परेशान होकर और बोलकर जाता है तो होटल मालिक अपने ग्रुप में सन्देश दे देता है की उस कर्मचारी को कोई नौकरी पर ना रखे इसलिए सब डरते है
कृपया कर इस समस्या से निजात दिलाने की कृपा करे
धन्यवाद् | एक सामान्य कर्मचारी | पेंच नेशनल पार्क टुरिया ,सिवनी