वाशिंगटन। अमेरिका में महात्मा गांधी और मार्टिन लूथर किंग पर शोध और विस्तृत अध्ययन का रास्ता खुल गया है। इससे संबंधित ‘गांधी-किंग स्कॉलर्ली एक्सचेंज इनिशिएटिव कानून’ पर रविवार को राष्ट्रपति ट्रंप ने हस्ताक्षर कर दिए। इस कानून के तहत गांधी और मार्टिन लूथर किंग जूनियर के काम और विरासत का अध्ययन करने के लिए एक शैक्षिक फोरम की स्थापना का मार्ग प्रशस्त होगा। इस अधिनियम का मसौदा नागरिक अधिकार कार्यकर्ता और अमेरिकी संसद के सदस्य रहे जॉन लेविस ने तैयार किया था।
जबकि भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद एमी बेरा ने इसका समर्थन किया था। लेविस का इस वर्ष की शुरुआत में निधन हो गया था। यह अधिनियम गांधी-किंग वैचारिक आदान-प्रदान पहल के लिए वित्त वर्ष 2025 तक प्रति वर्ष 10 लाख डॉलर का प्रावधान करेगा। अधिनियम गांधी-किंग ग्लोबल एकेडमी के लिए वित्त वर्ष 2021 में 20 लाख डॉलर का और अमेरिका-भारत गांधी किंग डेवलपमेंट फाउंडेशन के लिए 2021 में तीन करोड़ डॉलर का प्रावधान करेगा।
कानून के तहत यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसएड) को एक अमेरिका-भारत विकास संगठन स्थापित करने के लिए भी अधिकृत किया है, जो भारत में विकास प्राथमिकताओं के क्षेत्र में निजी क्षेत्र को आगे आने के लिए प्रोत्साहित करेगा।