कैनबरा। पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में रह रहे लोगों को दो अलग-अलग चक्रवात के कारण सुरक्षित जगहों पर जाने की चेतावनी दी गई। इसकी वजह दो उष्णकटिबंधीय तूफान हैं। दो खतरनाक तूफान सेरोजा (Seroja) और ओडेट (Odette) ऑस्ट्रेलिया के बेहद करीब हैं। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक ऐसा बहुत कम और दुर्लभ होता है कि एक साथ दो तूफान किसी क्षेत्र में सक्रिय हो जाएं। इन तूफानों की वजह से इस हफ्ते के अंत में पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के कुछ हिस्सों में मौसम की तगड़ी मार पड़ सकती है।
साइक्लोन ओडेट एक उष्णकटिबंधीय कम दबाव के रूप में शुरू हुआ लेकिन शुक्रवार सुबह तक एक चक्रवात में बदल गया। ऑस्ट्रेलियाई क्षेत्र (Australian region) में इस सीजन का यह सातवां चक्रवात है। चक्रवात सेरोजा (Cyclone Seroja) के रविवार को ऑस्ट्रेलिया पहुंचने का अनुमान है। इसके श्रेणी तीन के तूफान बनने की आशंका है। समुद्र तट के 960 मील के दायरे में रहने वाले लोगों को विनाशकारी हवाओं की चेतावनी दी गई है। चक्रवात सेरोजा के चलते 93 मील प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं।
यही नहीं तूफान सेरोजा (Seroja) के कारण भारी बारिश और बाढ़ का भी अलर्ट जारी किया गया है। यही नहीं मौसम विज्ञानियों का यह भी अनुमान है कि चक्रवात ओडेट शनिवार रात तक ऑस्ट्रेलिया से टकराएगा जिसकी वजह से तेज हवाएं चलेंगी और भारी बारिश से बाढ़ का खतरा भी है। मौसम वैज्ञानिकों ने आगाह किया है कि तूफान सेरोजा (Seroja) के कारण दक्षिण आस्ट्रेलिया में भारी तबाही हो सकती है। उष्णकटिबंधीय तूफान सेरोजा पहले ही इंडोनेशिया के कुछ हिस्सों में भारी तबाही ला चुका है। इसकी वजह से कई लोगों की जान भी गई है।
समाचार एजेंसी आइएएनएस के मुताबिक इंडोनेशिया के पूर्वी नुसा तेंगारा प्रांत में चक्रवाती तूफान सेरोजा से आई बाढ़ और भूस्खलन में मरने वालों की संख्या बढ़कर 167 हो गई है। इतना ही नहीं अभी भी 45 लोग लापता हैं। पूर्वी नुसा तेंगारा प्रांत में 165 की मौत हुई है जबकि दो अन्य पश्चिम नुसा तेंगारा के हैं। आठ गंभीर रूप से घायल हैं जबकि 148 लोगों को चोटें आई हैं। तूफान की वजह से 17,834 लोग विस्थापित हुए हैं। अभी भी तीन गांव डूबे हुए हैं। तूफान के कहर से पूर्वी नुसा तेंगारा में 2,786 घर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं।