Tuesday, April 23, 2024
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भारत-बांग्लादेश संबंध 360 डिग्री साझेदारी वाले, यादगार होगी PM मोदी की यात्रा: जयशंकर

भारत-बांग्लादेश के बीच संबंधों को वास्तव में 360 डिग्री की साझेदारी बताते हुए विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस महीने प्रस्तावित ढाका यात्रा वाकई बहुत यादगार होगी। जयशंकर प्रधानमंत्री मोदी की बांग्लादेश की आगामी यात्रा से पहले बृहस्पतिवार को एक दिवसीय यात्रा पर यहां पहुंचे। प्रधानमंत्री इस महीने बांग्लादेश की आजादी की 50वीं वर्षगांठ और बांग्लादेश-भारत के बीच कूटनीतिक संबंधों की स्थापना के 50 साल पूरे होने के अवसर पर यहां आने वाले हैं।

Thank PM Sheikh Hasina for receiving me today. Conveyed warm greetings of PM @narendramodi. Her sagacity and leadership continues to inspire our relationship. pic.twitter.com/O083rJSEWs

— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) March 4, 2021

बांग्लादेश के विदेश मंत्री ए. के. अब्दुल मोमेन के साथ विस्तृत चर्चा के बाद जयशंकर ने कहा कि भारत की पड़ोसी पहले नीति में बांग्लादेश का प्रमुख स्थान है और भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी में भी वह प्रासंगिक है। मोमेन के साथ संयुक्त रूप से संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा, हम प्रधानमंत्री (मोदी) की तय यात्रा की तैयारियों पर काम कर रहे हैं। यह बेशक बेहद यागदार यात्रा होगी। अगर मैं सही हूं तो कोरोना वायरस महामारी की शुरुआत के बाद से यह उनकी (मोदी) पहली विदेश यात्रा और प्रधानमंत्री के रूप में दूसरी बांग्लादेश यात्रा होगी। प्रधानमंत्री मोदी के 26 मार्च को दो दिवसीय यात्रा पर ढाका आने और विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेने की संभावना है।

जयशंकर ने माना कि बांग्लादेश के लोगों के लिए यह बहुत खास साल है। दोनों देश बांग्लादेश की आजादी के 50 साल पूरे होने और बांग्लादेश-भारत के द्विपक्षीय संबंधों के 50 साल होने पर च्मुजीब बर्षो मना रहे हैं। संवाददाता सम्मेलन की शुरुआत करते हुए जयशंकर ने कहा, हमारे सभी सपने सच हों और मैं आपको आश्वासन देता हूं कि भारत एक सच्चे दोस्त की तरह हमेशा आपके साथ रहेगा। दोनों देशों के लोगों के बीच आपसी संपर्क के महत्व के संदर्भ में विदेश मंत्री ने ट्वीट किया, हमारा संबंध इतना विस्तृत और हमारी आपसी समझ इतनी गहरी है कि हमारे बीच कोई पहलु अनछुआ नहीं है। यह वाकई 360 डिग्री वाला संबंध है। जयशंकर ने कहा, हमारा संबंध हमारी रणनीति साझेदारी से बढ़कर है और मेरा मानना है कि हमारा संबंध शांतिपूर्ण, समृद्ध और प्रगतिशील दक्षिण एशिया के सपने को पूरा करने का महत्वपूर्ण कारक है। उन्होंने कहा कि इस सपने को पूरा करने के लिए दोनों पक्षों ने संबंधों में महत्वपूर्ण प्रगति की है, विशेष रूप से प्रधानमंत्री मोदी के मई, 2014 में पदभार संभालने के बाद से।

जयशंकर ने कहा कि बांग्लादेश के साथ भारत के संबंधों का महत्व इससे स्पष्ट होता है कि वह भारत की पड़ोसी पहले नीति के लिए प्राथमिकता और पूरब की ओर स्थित देशों के साथ संबंधों को प्रगाढ़ करने वाली एक्ट ईस्ट पॉलिसी में प्रासंगिक है। उन्होंने कहा, हम बांग्लादेश को महत्वपूर्ण पड़ोसी और ना सिर्फ दक्षिण एशिया बल्कि हिन्द-प्रशांत क्षेत्र के सीमावर्ती इलाकों में मूल्यवान साझेदार के रूप में देखते हैं। हमारे संबंधों का प्रत्येक परिणाम और उपलब्धि इस क्षेत्र को प्रभावित करती है। यह कोई राज की बात नहीं है कि हम दूसरों को ऐसा करने के लिए उदाहरण पेश करते हैं। मोमेन के साथ हुई अपनी मुलाकात में जयशंकर ने द्विपक्षीय संबंधों को और आगे ले जाने के तरीकों पर चर्चा की। जयशंकर ने संवाददाताओं से कहा, हम अपने संबंधों को सुरक्षा, व्यापार, परिवहन और संपर्क, संस्कृति, लोगों के बीच आपसी संपर्क और साझा संसाधनों के विकास के क्षेत्र में भी विकसित करना चाहते हैं।

उन्होंने कहा, हमारा आपसी संबंध इतना मधुर है कि ऐसा कोई मुद्दा नहीं है जिसका समाधान हम आपस में बातचीत करने नहीं निकाल सकते हैं। मोमेन ने कहा कि दोनों देश साथ मिलकर काम करने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा प्रधानमंत्री शेख हसीना के नेतृत्व में अपने द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाई तक ले जाने को प्रतिबद्ध हैं। जयशंकर ने कहा कि उनकी यात्रा कोविड-19 महामारी के खिलाफ हमारी साझा लड़ाई के प्रति एकजुटता प्रदर्शित करने का तरीका भी है। जनवरी में भारत ने तोहफे के रूप में बांग्लादेश को कोविड-19 टीके की 20 लाख से ज्यादा खुराक भेजी थीं। जयशंकर ने कहा, महामारी ने वास्तव में हमें अपने संबंधों को फिर से सुदृढ़ करने का अवसर प्रदान किया है। बांग्लादेश, भारत में उत्पादित टीके की सबसे ज्यादा खुराक प्राप्त करने वाला देश है। साथ ही दोस्ती के नाते टीके की 20 लाख खुराक का उपहार पाने वाला देश बांग्लादेश है और यह उचित है।

तीस्ता नदी जल बंटवारे के लंबित मुद्दे पर जयशंकर ने कहा, हमने उसपर चर्चा की और आपको बता दें कि जल्दी ही हमारे जल संसाधन सचिवों की बैठक होने वाली है। मुझे विश्वास है कि वे आगे की चर्चा करेंगे। आपको भारत सरकार का रुख पता है और उसमें कोई बदलाव नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत सैद्धांतिक रूप से समझौते पर हस्ताक्षर करने को राजी हो गया है लेकिन नयी दिल्ली में कुछ अंदरुनी मसलों के कारण वास्तव में हस्ताक्षर नहीं हो पाया। अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) द्वारा बांग्लादेशी नागरिकों की कथित हत्या से जुड़े एक सवाल के जवाब में जयशंकर ने कहा, हमने इसपर चर्चा की। मई मौतें भारत में भी होती हैं। प्रत्येक मौत दुखद है।

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खबर सत्ता डेस्क, कार्यालय संवाददाता
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