लेह। चीन के साथ भारी तनाव के बीच सेना ने आगामी सर्दी के मौसम में भी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर डटे रहने के लिए पूरी तैयारी कर ली है। भीषण सर्दी से बचाव के लिए गरम रखने वाले उपकरण, कपड़े और टेंट से लेकर राशन, ईंधन और गोला बारूद जैसे सभी आवश्यक सामान पर्याप्त मात्रा में एलएसी पर सेना की अग्रिम चौकियों तक पहुंचा दिए गए हैं।
ठंड के मौसम में लद्दाख क्षेत्र में पारा शून्य डिग्री से नीचे तक पहुंच जाता है
अधिकारियों ने बताया कि ठंड के मौसम में लद्दाख क्षेत्र में पारा शून्य डिग्री से नीचे तक पहुंच जाता है। इसको देखते हुए शून्य से 50 डिग्री नीचे तक के तापमान में भी काम करने वाले टेंट भेजे गए हैं। सर्दी के मौसम में सड़कों पर बर्फ जम जाती है और इस क्षेत्र के देश के अन्य हिस्से से महीनों तक संपर्क कट जाता है। एलएसी पर तनाव में कमी नजर नहीं आ रही है और भारत व चीन ने सीमा पर अपने सैनिकों की संख्या और साजो सामान बढ़ा दिए हैं।
16 कोर के पास है सीमा की सुरक्षा का जिम्मा
16 कोर जिसे फायर और फूरी कोर के नाम से भी जाना जाता है, के चीफ ऑफ स्टाफ मेजर जनरल अरविंद कपूर ने कहा कि सर्दी के मौसम के मुताबिक सारी तैयारियां कर ली गई हैं। सेना की इसी इकाई के पास कारगिल से लद्दाख तक चीन और पाकिस्तान से लगती सीमा की सुरक्षा का जिम्मा है। उन्होंने कहा कि रसद से लेकर हथियार और गोला बारूद सब कुछ पर्याप्त मात्रा में भंडार कर लिया गया है
मेजर जनरल कपूर ने कहा- लद्दाख क्षेत्र के हाईवे सर्दी के मौसम में छह महीने तक बंद रहता है
मेजर जनरल कपूर ने कहा कि लद्दाख क्षेत्र दो मुख्य हाईवे मनाली-लेह और जम्मू-श्रीनगर-लेह से जुड़ा है। सर्दी के मौसम में यह छह महीने तक बंद रहता है। सेना ने इस अवधि को घटाकर चार महीने का कर दिया है। आने वाले दिनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अटल टनल का उद्धाटन करने वाले हैं और दारचा-नीमू-पदम रोड भी चालू होने वाली है। इससे लद्दाख से हर मौसम में संपर्क बना रहेगा।