लंदन। ब्रिटेन में कोरोना वायरस का टीका तीन महीनों के अंदर आ जाएगा। द टाइम्स अखबार ने सरकारी वैज्ञानिकों के हवाले से यह जानकारी दी है। अखबार के मुताबिक ये वैज्ञानिक ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन पर काम कर रहे हैं और उन्हें उम्मीद है कि नियामक (रेगुलेटर) इसे वर्ष 2021 की शुरुआत से पहले मंजूरी दे देंगे। फार्मास्यूटिकल्स कंपनी एस्ट्राजेनेका के साथ मिलकर ऑक्सफोर्ड इस वैक्सीन का परीक्षण कर रही है।
ब्रिटिश सरकार ने वैक्सीन की 10 करोड़ खुराक बनाने का आदेश दिया है। स्वास्थ्य अधिकारियों को अनुमान है कि छह महीने के भीतर प्रत्येक वयस्क को वैक्सीन मिल सकती है। हालांकि उनके इस दावे को लेकर भी सभी एकमत नहीं हैं। अखबार के मुताबिक यूरोपीय मेडिसिन एजेंसी (ईएमए) ने गुरुवार को कहा कि उसने एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के संभावित कोरोना वैक्सीन के आंकड़ों की समीक्षा शुरू कर दी है।
इस तरह का कदम इसलिए उठाया जा रहा है कि एक बार वैक्सीन आने के बाद उसे मंजूरी देने की प्रक्रिया में समय की बर्बादी नहीं हो। बता दें कि कोरोना से एक लाख से अधिक मौतें अकेले यूरोप में हुई हैं। टीकाकरण पर बनाए गए प्रोटोकॉल के तहत सबसे पहले यह वैक्सीन 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को दी जाएगी। इसके बाद 50 वर्ष से ऊपर के लोगों को दी जाएगी। फिलहाल बच्चों को इस टीकाकरण कार्यक्रम से बाहर रखा गया है।
अखबार के मुताबिक, वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि इस वैक्सीन से पचास फीसद संक्रमण को रोकने में सफलता मिलेगी। एक बार नियामक से वैक्सीन को मंजूरी मिलने के बाद नेशनल हेल्थ सर्विस (एनएचएस) से तुरंत सामूहिक टीकाकरण शुरू करने के लिए कहा जा सकता है। हालांकि ब्रिटिश सरकार में प्रत्येक वयस्क के टीकाकरण की समयावधि को लेकर मतभेद है।
रायल सोसाइटी की इस सप्ताह आई रिपोर्ट में कहा गया है कि वैक्सीन का उत्पादन और वितरण एक बड़ी चुनौती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि टीका उपलब्ध होने का मतलब यह नहीं है कि एक महीने के भीतर हर किसी को यह टीका लगा दिया जाएगा। लंदन स्थित इंपीरियल कॉलेज में केमिकल इंजीनिय¨रग विभाग के प्रमुख निलय शाह ने कहा कि वैक्सीन को नियामक से मंजूरी मिलने के बाद छह से नौ महीने इस काम में लग सकते हैं।